ख़बरगुरु : सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिवाली के मौके पर दिल्ली-एनसीआर और मुंबई के रिहायशी इलाकों में पटाखों की बिक्री पर बैन लगाए जाने को लेकर अब सियासत भी शुरु हो चुकी है। एक तरफ कोर्ट के इस फैसले के बाद पटाखा कारोबारियों और दुकानदारों में खलबली मच गई है, तो वहीं इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरु हो चुकी है। करोड़ों रुपये का नुकसान व्यापारियों को हो जाएगा। यही सोचकर व्यापारियों के चेहरे पर शिकन पड़ गई है सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद लोगों का दर्द बाहर आ रहा है । खुलकर सभी अपना दर्द सोशल मीडिया पर ज़ाहिर कर रहे है । लोगों की प्रतिक्रिया में हिंदुओ के त्योहार और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना बताया गया है ।
कोर्ट के इस फैसले के बाद कई दिग्गजों ने सवाल उठाए
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के पटाखों पर बैन के फैसले के बाद लेखक चेतन भगत ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए. चेतन ने लिखा, हिंदुओं के त्योहारों पर ही रोक क्यों? क्या आने वाले दिनों में बकरीद पर बकरियों और मुहर्रम पर होने वाले खून-खराबे पर भी रोक लगेगी? उन्होंने लिखा, ‘बिना पटाखों के बच्चों के लिए दिवाली का क्या मतलब है?’
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला को लेकर त्रिपुरा के गवर्नर के बयान में भी नाराज़गी दिखी , राय ने ट्वीट कर इस फैसले का विरोध किया है और कहा है “कभी दही हांडी,आज पटाखा ,कल को हो सकता है प्रदूषण का हवाला देकर मोमबत्ती और अवार्ड वापसी गैंग हिंदुओ की चिता जलाने पर भी याचिका डाल दे !”
अब खुलकर लोगों की नाराज़गी दिख रही है , और कई विवादित बयान सोशल मीडिया पर चलने लगे है ।