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खुशखबरी : अब हरे-भरे पेड़-पौधों से उत्पन्न होगी बिजली

खुशखबरी : अब हरे-भरे पेड़-पौधों से उत्पन्न होगी बिजली

 हिमांशु जोशी – (ख़बर गुरु 05 फरवरी 2016): यह बात सुनने में बड़ी ही विचित्र लग रही है कि अब हरे-भरे पेड़-पौधों से बिजली कैसे प्राप्त की जा सकती है। पेड़ों पर पत्तों, टहनियों, फलों और फूलों की तरह बिजली भी उगने लगेगी। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा पेड़ विकसित किया है, जो कि बिजली पैदा करेगा। वैज्ञानिकों ने एक बायोमेट्रिक पेड़ विकसित किया है जिसमें उसके कृत्रिम पत्तियों से हवा गुजरने से बिजली पैदा होगी।
अमेरिका की आइओवा स्टेट युनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह तकनीक विकसित की है।  वैज्ञानिकों ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है जो पेड़ पर शाखा और पत्तों की तरह लग जाता है। फिर जब हवा इसके कृत्रिम पत्तों से होकर गुजरती है, तो इसमें बिजली पैदा होती है। इस उपकरण को डिज़ाइन करने वाले माइकल मैकक्लोस्की ने कहा कि इसमें हवा से घूमने वाली टरबाइन को नहीं बदला जाएगा, बल्कि यह तकनीक इस तरह की छोटी मशीनों का बाजार तैयार करेगी जो कि हवा को बिजली में बदल सकेंगे। उन्होंने कहा, ‘इस तकनीक का सकारात्मक पहलू है कि यह देखने में भी सुंदर लगता है और काफी छोटे स्तर पर भी काम करता है। इसकी मदद से ऑफ-ग्रिड बिजली पैदा की जा सकेगी।’

भारत में जगदीश चन्द्र बोस ने भी एक परीक्षण किया था, जिसमें उन्होंने एक कांच के बर्तन में नमक का घोल भरकर एक पत्ते के दो टुकड़े करके उसमें इलैक्ट्रोड की तरह खड़ा कर दिया। पुन: एक सुनहरा तार लेकर उनमें जोड़कर एक संवेदनशील गैलवानमीटर जोड़ दिया। ऐसा करने से मीटर की सुई में कोई हलचल नहीं हुई। इसका मतलब यह था कि उसमें विद्युत प्रवाह नहीं हो रहा था। लेकिन पत्तों के वे इलेक्ट्राड जब सूर्य के प्रकाश में रखे गये तो मीटर की सुई में हलचल होने लगी अर्थात मीटर की सुई विद्युत की प्रवाह की उपस्थिति को प्रकट करने लगी।

इस प्रकार के प्रयोग से प्राप्त सफलता ने विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में संभावनाओं का एक नया द्वार खोल दिया। अब वह दिन दूर नहीं कि इन हरे-भरे पेड़-पौधों से किसी भी मौसम में किसी भी समय बिजली उत्पन्न की जा सकती है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि पेड़-पौधों से प्राप्त यह बिजली अत्यंत सहज एवं सर्व-सुलभ है तथा काफी सस्ती एवं प्रदूषण मुक्त भी होगी। पेड़-पौधों से प्राप्त होनेवाली बिजली के इस प्रयोग से न केवल बिजली प्राप्त की जा सकेगी। बल्कि बिजली प्राप्त करने के उद्देश्य से इन पेड़-पौधों को उगाने एवं उनकी वृद्धि एवं विकास को बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया जाने लगेगा, जिससे पेड़-पौधों की संख्या में भी वृद्धि होगी और अच्छे-अच्छे पेड़-पौधे तैयार होंगे।

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