चीन ने शनिवार को दुनिया भर के नेताओं को बौद्ध धार्मिक गुरु दलाई लामा से मिलने को लेकर आगाह किया है. चीन ने विश्व नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से की गई मुलाकात को एक ‘गंभीर अपराध’ समझा जाएगा. चीन हमेशा दलाई लामा पर तिब्बत को उससे अलग करने की कोशिश करने का आरोप लगाता रहा है और उसने लगातार विश्व नेताओं के दलाई लामा से मिलने का विरोध किया है.
चीन सभी देशों की सरकारों को यह भी कह चुका है कि उसके साथ राजनयिक संबंध रखने के लिए तिब्बत को चीन का हिस्सा मानना होगा. भारत ने जब इसी साल तिब्बत के धार्मिक गुरु को भारत के अरुणाचल प्रदेश समेत नॉर्थ-ईस्ट में कहीं भी जाने की अनुमति दी थी तो चीन ने इसका भी विरोध किया था.
चीन की सत्ताधारी पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिवेलपमेंट के एग्जिक्यूटिव वाइस मिनिस्टर जैंग यीजॉन्ग ने कहा, ‘यदि किसी भी देश या संगठन का कोई भी नेता दलाई लामा से मिलता है तो हमारी नजर में यह चीनी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अपराध है।’
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पांच साल में एक बार होने वाले कार्यक्रम में यीजॉन्ग ने कहा, ‘चीन दलाई लामा से मिलने पर किसी भी व्यक्ति की किसी भी दलील को स्वीकार नहीं करेगा. 1959 में वह भागकर एक देश चले गए थे, उन्होंने अपनी मातृभूमि के खिलाफ विद्रोह किया है.’