ख़बरगुरु (नई दिल्ली) 17 मार्च । गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 63 की उम्र में निधन हो गया। पर्रिकर लंबे वक्त से कैंसर से जूझ रहे थे। राष्ट्रपति ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी।
पर्रिकर के निधन से देश की राजनीति को एक अपूरणीय क्षति हुई है। पर्रिकर अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे और लोग उनकी इस सादगी को बहुत पसंद करते थे। पर्रिकर के निधन का समाचार सुनकर पूरा देश गमगीन है।
पर्रिकर ने 2013 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव दिया था। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने पर पर्रिकर 2014 से 2017 तक देश के रक्षा मंत्री रहे। पर्रिकर उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद थे।
पर्रिकर पहली बार वर्ष 2000 में गोवा के मुख्यमंत्री बने। हालांकि पहली बार उनके मुख्यमंत्री का कार्यकाल फरवरी 2002 तक का रहा। इसके बाद जून 2002 में वह एक बार फिर से चुने गए और मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। 2007 के विधानसभा चुनावों में पर्रिकर को कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा लेकिन पांच साल बाद 2012 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने वापसी करते हुए भाजपा को बड़ी जीत दिलाई।2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद पर्रिकर देश की केंद्रीय राजनीति में आने के इच्छुक नहीं थे लेकिन पीएम मोदी के मनाने के बाद वह दिल्ली आने के लिए तैयार हुए। दिल्ली आने पर उन्हें रक्षा मंत्री पद की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। रक्षा मंत्री के तौर पर पर्रिकर ने अपनी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाया। वर्षों से लंबित पड़े पूर्व सैनिकों की वन रैंक वन पेंशन की मांग को लागू कराने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। पर्रिकर ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला की जांच के आदेश भी दिए।
पर्रिकर के रक्षा मंत्री रहते हुए भारतीय फौज ने 28 सितंबर 2016 को पीओके में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। भारतीय सेना की इस कार्रवाई में आतंवादियों के सात लॉन्चिंग पैड्स तबाह हुए। सेना के इस हमले में 35 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए।
मार्च 2017 में पर्रिकर एक बार फिर गोवा के मुख्यमंत्री बने लेकिन इसके बाद उनकी तबीयत बनती-बिगड़ती रही। वर्ष 2018 में बीमार होने पर पर्रिकर को इलाज के लिए अमेरिका भेजा गया। मार्च से जून 2018 तक पर्रिकर का वहां इलाज चला। अमेरिका से वापस लौटने पर उन्हें सितंबर में दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया