खबरगुरु (रतलाम) 26 दिसम्बर। धरती में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं, जरूरत है सिर्फ इसे संवारने की। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित रतलाम के धोलावाड़ में 12 दिवसीय पर्यटन महोत्सव का शुक्रवार को जोश, जुनून और उत्साह के साथ शुभारंभ तो हो गया परंतु संसाधनो की कमी का खामियाजा पर्यटन प्रेमियों को भुगतना पड़ रहा है। धोलावाड़ पर्यटन स्थल पर्यटन प्रेमियों को आकर्षित कर रहा है परंतु संसाधनो की कमी का खामियाजा पर्यटक भुगत रहे हैं। पर्यटक वहां आकर शायद यही कहेंगे आए थे खुशिया मनाने हो रहे मायूस, अपनी बारी के इंतजार में खुशियां हो रही काफूर ।
वाटर स्कूटर राइडिंग में अपनी बारी के इंतजार में लाइन लगाए पर्यटक
मात्र एक वाटर स्कूटर पर हैं हजारो पर्यटकों का जिम्मा
रतलाम तथा अन्य स्थानों के नागरिक बडी संख्या में धोलावाड पहुंचे। पर्यटन महोत्सव के तहत हर उम्र के महिला पुरुष बच्चे शामिल हुए। पर्यटको की सुने तो उनका कहना है की संसाधनो की कमी नही होती तो हमारा यहा आना सफल हो जाता। प्रकृति के साथ आनंद के पल बिताने आए पर्यटकों को लंबे इंतजार का सामना करना पड़ा। वाटर स्कूटर राइडिंग के इंतजार में लंबी लाइन लगी। मात्र एक वाटर स्कूटर पर हजारो पर्यटकों का जिम्मा है। जो सुविधाएं जिम्मेदारों को मुहैया करवाना थी, उनकी कमी पहले ही दिन से खल रही हैं।
तीरंदाज़ी गतिविधि में भी इंतजार
तीरंदाज़ी गतिविधि में भी लोगो ने अपनी रूचि दिखाई परंतु यहां भी लोगो को इंतजार ही करना पड़ रहा है। पहले तो यहां तीरंदाज़ी का मात्र एक ही स्टाल है और दूसरा उसमें भी कमान से छोडे गए तीर को ढूंढने में समय लग जाता है।तीरंदाजी करने वाले भी इंतजार करते हैं कि कर्मचारी कब तीर ढूंढ कर लाएंगे और फिर से प्रत्यंचा पर चढ़ाया जाएगा। इतने में काफी वक्त गुजर रहा है और मात्रा 5-6 तीरो से ही पर्यटको को इस तीरंदाज़ी गतिविधि का लाभ उठाना है।
खुशियां देने की क्षमता पर प्रश्नचिन्ह
जब खुशियां देने वाले संसाधन ही नहीं थे तो फिर लोगों को यहां पर दुख देने के लिए क्योंकर आमंत्रित किया। खुशियां देने की क्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। जलाशय का बहुत बड़ा विस्तारित जल क्षेत्र होने के बावजूद एक वोट के सहारे पर्यटकों को लुभाने की नाकाम कोशिश करने का जतन किया जा रहा है।
एक वाटर बोट पड़ी है कबाड़ में
कुल 2 बोट के सहारे महोत्सव में खुशियां बाटने की नाकाम कोशिश की गई उसमे भी एक वाटर बोट कबाड़ में पड़ी है। खराब बोट किनारे पर भी इस आस में पड़ी हुई है कि शायद महोत्सव समाप्ति के पहले उसे सुधार दिया जाएगा।
संसाधनो की कमी को दूर किया जाए तो पर्यटक इस मुहिम का लाभ उठा पाएंगे
कोरोना महामारी और लंबे लॉकडाउन के कारण ठप हो चुका पर्यटन उद्योग अब लड़खड़ाते हुए दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होने का प्रयास कर रहा है। कोरोना काल में पर्यटकों को धोलावाड़ पर्यटन महोत्सव की सौगात मिली अगर संसाधनो की कमी को दूर कर दिया जाए तो पर्यटन प्रमियों कों इस बुरे समय में धोलावाड़ पर्यटन महोत्सव कुछ सुकुन देने वाला साबित होगा। प्रशासन की इस मुहिम का पर्यटक लाभ उठा पाएंगे।
धोलावाड पर्यटन महोत्सव आगामी 5 जनवरी तक मनाया जाएगा
कोरोना काल में घरों में कैद लोग अपने ही जिले में आउटिंग के साथ खुशियां मनाने एकत्र हो रहे है। पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने का इंतजाम जिला प्रशासन ने करवाया है। शुक्रवार से आरम्भ हुआ धोलावाड पर्यटन महोत्सव आगामी 5 जनवरी तक मनाया जाएगा। इसके साथ ही दाल पानिये का लुत्फ भी दिया जा रहा है। शुभारंभ अवसर पर जनप्रतिनिधियों ने भी भ्रमण कर दिशा निर्देश दिए है। अगर इस ओर भी उनका ध्यान आता है तो रतलाम की जनता और पर्यटन प्रेमियों को धोलावाड़ महोत्सव में बिना इंतजार, बिना झंझट परिवार के साथ खुशियां मनाने का अवसर मिल सकता है।
पूर्व में धोलावाड़ में कई गतिविधियों का आयोजन हुआ था
इस महोत्सव में रोमांचक गतिविधियों की कमी पर्यटकों को खल रही है। पूर्व में धोलावाड़ में कई रोमांचक एवं साहसिक गतिविधियों का आयोजन हुआ था परंतु इस बार उनमें कमी होने से भी यहा आए पर्यटको का रूझान कम हो रहा है। उम्मीद है जल्द ही प्रशासन संसाधनो की कमी को दूर कर पर्यटको को सौगात देगा और धोलावाड़ महोत्सव सफलता के साथ यादगार पलो में लोगो के दिलो में एक अलग छाप छोड़ेगा।