सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिए जाने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अहम फैसला किया है। बोर्ड ने तय किया है कि अब निकाह के समय ही काजियों और धर्मगुरुओं के माध्यम से वर और वधू पक्ष के बीच यह सहमति बन जाएगी कि रिश्ते को खत्म करने के लिए किसी भी सूरत में तलाक-ए-बिद्दत (एक बार में तीन तलाक) का सहारा नहीं लिया जाएगा।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बोर्ड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सोमवार को हुई बैठक में इस मसले पर सहमति बनी। इसमें बोर्ड ने साफ किया कि वह न्यायालय के फैसले का सम्मान करता है और तीन तलाक के खिलाफ और शरीयत को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए अभियान शुरू करेगा।