ख़बरगुरु (भोपाल): व्यापम और पटवारी परीक्षा हमेशा विवादों में रहती है । हाल ही में पटवारी परीक्षा की रूल बुक वेब साइट से पहले सोशल मीडिया पर आने से विवादों में रही वही पटवारी परीक्षा में डिप्लोमा और न्यूनतम योग्यता १२ वी करने को लेकर जबलपुर और इंदौर उच्च न्यायालय में भी याचिका दायर हो चुकी है । सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पटवारी परीक्षा में कई गड़बड़ियाँ उजागर हो सकती है । कई जिलो में ज्ञापन के साथ छात्र संगठनो का विरोध भी खुलकर सामने आया है ।
मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (व्यापम) ने अपने नए नियम के चलते पटवारी बनने का सपना सँजोए बैठे हज़ारों एसे अभ्यर्थियों के सपने को चकनाचूर कर दिया जिनका आधार से मोबाइल नम्बर जुड़ा हुआ नहीं है । पटवारी के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख शुक्रवार 11 नवम्बर थी जिसे अब व्यापम द्वारा 15 नवम्बर कर दी गई है । इस दौरान मोबाइल नंबर और आधार कार्ड जुड़ने की परेशानी के चलते प्रदेश के हजारों उम्मीदवार परीक्षा के लिए आवेदन जमा करने से वंचित हो गए।
उम्मीदवारों के मुताबिक आवेदन करते समय फॉर्म में दर्ज मोबाइल नंबर पर मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड पासवर्ड (ओटीपी) भेजता है। गांवों में रहने वाले ऐसे कई गरीब और महिला उम्मीदवार हैं जिनके पास अपना मोबाइल नहीं है। वे अपने परिवार के दूसरे सदस्यों के मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में वे तमाम लोग आवेदन जमा नहीं कर पाए। इसलिए आवेदकों की मांग है कि उन्हें ये छूट मिलनी चाहिए कि वे अपने पास उपलब्ध मोबाइल नंबर फॉर्म में दर्ज लिख सकें।
हालाँकि कई जगह तो मोबाइल नम्बर आधार में लिंक करवाने गए उम्मीदवारों को १२ घंटो में ही सफलता मिल गई तो कही १५ दिनो तक नम्बर लिंक नहीं हो पाता । जिसके कारण उम्मीदवार पटवारी परीक्षा का फ़ॉर्म नहीं भर पाए ।