खबरगुरु (रतलाम) 3 जून। जिले में कोविड 19 के प्रकरणों को दृष्टिगत रखते हुए जिले के समस्त जिला चिकित्सालय , सिविल अस्पताल , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र , संजीवनी क्लिनिक , सिविल डिस्पेंसरी , ( ग्रामीण व शहरी ) के बाहय रोगी विभागों में सर्दी , खांसी , गले में दर्द , बुखार व सांस लेने में तकलीफ ( ILI SARI ) के मरीजों के लिए पृथक से फीवर क्लिनिक का संचालन किया जाएगा । कल शाम शहर में क्रमश : शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय बंजली सैलाना रोड, टी आई टी रोड सिविल डिस्पेंसरी , दिलीप नगर डिस्पेंसरी और जिला चिकित्सालय रतलाम में बनकर तैयार हुए जिसका निरिक्षण कलेक्टर श्रीमति रुचिका चौहान ने किया साथ में सहायक कलेक्टर सुश्री तपस्या परिहार, डिपटी कलेक्टर सुश्री शिराली जैन, सी एम एच ओ, डॉ प्रभाकर नानावरे, स्वास्थ्य समन्वयक एवम अध्यक्ष आई एम ए डॉ राजेश शर्मा उपस्थित रहे,
संभावित कोविड संदिग्ध व्यक्ति की पहचान के लक्षण इस प्रकार हैं । ऐसे समस्त व्यक्ति जिनके द्वारा विगत 14 दिन में अंतरराष्ट्रीय यात्रा की गई हो , या वह माईग्रेटरी लेबर हो या अन्य राज्य या ऐसे क्षेत्र जो कि शासन द्वारा रेड केटेगरी में चिंहांकित किए हुए हों , से यात्रा करे हुए या छात्र व्यक्ति हो । लेबोरेटरी जांच में कोविड पाजिटीव व्यक्ति के संपर्क में आए व्यक्ति । वह स्वास्थ्य कार्यकर्ता जिन्हें सर्दी , खांसी , गले में दर्द , बुखार , सांस लेने में तकलीफ ( ILI SARI ) हो रही हो तो । चिकित्सालय में भर्ती मरीज जिन्हें बुखार , खांसी , व सांस लेने में तकलीफ हो रही हो । फीवर कोविड संदिग्ध मरीज की पहचान के बाद ऐसे समस्त मरीजों का सैंपल लिया जाएगा । इस हेतु युनिवर्सल सेफटी प्रिकाशन का प्रोटोकाल अनुसार पालन किया जाएगा । सेम्पल कलेक्शन के बाद सैंपल लाने ले जानी की जिम्मेदारी मेडिकल आफिसर को सौंपी गई है । कोविड संदिग्ध व्यक्ति को लाने ले जाने हेतु ड्रायवर द्वारा थ्री प्लाय मास्क , ग्लव्स , व गोगल्स का उपयोग किया जाना आवश्यक किया गया है । तथा वाहनों का नियमित सेनिटाईजेशन किया जाएगा । फीवर क्लिनिक में कार्य करने के लिए वार्ड बाय , चिकित्सक , फर्मासिस्ट , सफाई कर्मचारी की पदवार कार्य स्थल कार्य का प्रकार , पहने जाने वाली पीपीई किट का वर्गीकरण कर दिया गया है ताकि सभी प्रकार के संक्रमण से बचाव किया जा सके । इसके साथ साथ बायो मेडिकल वेस्ट का निपटान की प्रक्रिया भी प्रोटोकाल अनुसार की जाएगी । समस्त रागियों व उनके परिजनों को मास्क , रूमाल , गमछा अथवा दुपटटा आदि से मुंह व नाक ढकना आवश्यक किया गया है । अस्पताल परिसर , चिकित्सक कक्ष में हर 8 घंटे में 1 प्रतिशत सोडियम हाईड्राक्साईड के घोल से सेनिटाईज किया जाएगा । सैंपल कलेक्शन हेतु जिला स्तर पर अधिकारियों कर्मचारियों का प्रशिक्षण आनलाईन किया गया है । कोविड पाजिटीव मरीज पाए जाने पर चिकित्सक के परामर्श आधार पर होम आईसोलेशन , कोविड केयर सेंटर , डेडिकेटेड कोविड हेल्थ केयर सेंटर अथवा मेडिकल कालेज में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है । चिकित्सालय के कर्मचारी में कोविड के लक्षण पाए जाने पर उसे तत्काल क्वारंटीन किया जाएगा और सैंपल की जांच कराकर उपचार किया जाएगा ।
रतलाम जिले के सिविल अस्पताल जावरा , आलोट , जावरा शहरी स्वास्थ्य केन्द्र , सीएचसी सैलाना , नामली , पिपलोदा , खारवाकलां , ताल , बाजना , पीएचसी बिलपांक , धराड , धामनोद , बिरमावल , बांगरोद , रिंगनोद , ढोढर , बडावदा , बर्डियागोयल , मावता , सुखेडा , पंचेवा , कालूखेडा , रावटी , चन्द्रगढ , बेडदा , सकरावदा , शिवगढ , सरवन , बरखेडाकलां , भोज्याखेडी , मंडावल , आदि को फीवर क्लिनिक के रूप में चिन्हित किया गया है ।