ख़बरगुरु (चेन्नई) 22 जुलाई : भारत ने अंतरिक्ष में इतिहास रच दिया है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने सोमवार को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर चंद्रयान-2 को सफलता पूर्वक लॉन्च कर दिया। इससे पहले चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था, लेकिन आखिरी वक्त पर तकनीकी खराबी होने से चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को टाल दिया गया था। 48वें दिन यानी 7 सितम्बर को इसके चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की आशा है। चंद्रयान-2 दस साल के भीतर भारत का चंद्रमा पर भेजा जाने वाला दूसरा अभियान है।
चंद्रयान-2 की लागत 603 करोड़ है। 3.8 टन के चंद्रयान-2 को 375 करोड़ की लागत से बने 640 टन वजनी जीएसएलवी मार्क-3 (GSLV MK-III) रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया है। इसकी ऊंचाई 44 मीटर है जो कि 15 मंजिली इमारत के बराबर है। यह रॉकेट चार टन वजनी सेटेलाइट को आसमान में ले जाने में सक्षम है।
चन्द्रयान-2 का उद्देश्य है-
1. चन्द्रमा के उद्भव और उसके क्रमिक विकास का पता लगाने के लिए चन्द्रमा के आकार में घटबढ़ और उसकी सतह के बारे में जानकारी हासिल करना।
2. चन्द्रमा पर पानी के उद्भव का पता लगाने के लिए चन्द्रमा की सूक्ष्म बाहरी सतह और सतह के नीचे जल कणों के वितरण के बारे में केन्द्रित अध्ययन।