ख़बरगुरु (नई दिल्ली) 9 नवम्बर। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया, केंद्र से तीन महीने में ट्रस्ट की रूपरेखा बनाने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर 1045 पन्नों में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। 5 जजों की संविधान पीठ ने सुबह 10:30 बजे सर्वसम्मति से अपना फैसला दिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन रामलला विराजमान को दी जाए, मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बने और इसकी योजना तैयार की जाए। चीफ जस्टिस ने मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दिए जाने का फैसला सुनाया ।
फैसले में विवादित जमीन पर रामलला का हक माना है यानी विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है।जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है. यानी कोर्ट ने अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए अलग जगह जमीन देने का आदेश दिया है।
फैसले के बाद शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रतिक्रिया
-पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से अपील कि : शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।
-आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मीडिया को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अयोध्या फैसले पर पर उन्होंने पूरे देश से भाईचारा बनाए रखने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस फैसले को जय और पराजय की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब हम सभी मिलकर राम मंदिर बनाएंगे।
– यूपी सुन्नी वक्फबोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी बोलेः हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। अदालत द्वारा अयोध्या में दी जा रही पांच एकड़ जमीन लेने न लेने पर फैसला बाद में लेंगे। शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज होना ही था। सत्तर साल तक शिया वक्फबोर्ड खामोश क्यों रहा।