खबरगुरु (इंदौर) 21 सितंबर। देश से सबसे साफ शहरों में शुमार इंदौर के एमवाय अस्पताल में पहले एक शव 11 दिनों बाद कंकाल में तब्दील हो जाता है, नवजात के शव को मुर्दाघर में रखकर भुला दिया जाता है, उसी शहर के दूसरे अस्पताल में अब मृतक के शव को चूहे कुतर लेते हैं। परिजन को शव तभी सौंपा गया, जब उन्होंने एक लाख का बिल चुका दिया। इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना यूनीक अस्पताल की है। यूनीक अस्पताल में 87 साल के बुजुर्ग की रविवार को मौत हो गई। उन्हें तीन दिन पहले भर्ती कराया गया था।
शव के आंख, नाक, कान को चूहों ने कुतर दिया
परिजन के मुताबिक, बुजुर्ग का कोरोना वार्ड में इलाज चल रहा था। रविवार रात करीब तीन बजे उनकी मौत की सूचना दी गई। कहा गया कि निगम की गाड़ी उन्हें अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाएगी। जब परिजन दोपहर 12 बजे अस्पताल पहुंचे तो हमने देखा कि शव को जगह-जगह चूहों ने कुतर रखा था। शव के आंख, नाक, कान को चूहों ने कुतर दिया था। मामला सामने आने के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। जांच एडीएम अजय देव शर्मा करेंगे।
इंसानियत हुई शर्मसार
शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय के मुर्दाघर में एक वयस्क व्यक्ति की लावारिस लाश के सड़कर कंकाल में बदल जाने का मामला पांच दिन पहले सामने आया था। यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि इसी अस्पताल में मुर्दाघर में पांच महीने के बालक के शव को कथित तौर पर छह दिन तक गत्ते के बक्से में बंद कर रखे जाने के प्रकरण का खुलासा हुआ था। दो मामले पहले भी सामने आए थे, पर अब ऐसा लगता है मानो जिम्मेदारों को इस बात से फर्क नहीं पड़ा। तभी तो इतनी घटना होने के बाद भी अब इस प्रकार की घटना देखने को मिली। उसी शहर के दूसरे अस्पताल में अब मृतक के शव को चूहे कुतर लेते हैं।