खबरगुरु (रतलाम) 3 सितंबर। अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरें ने बताया कि माननीय विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट रतलाम (श्री तरूण सिंह) द्वारा आरोपी मनीष पिता राजेश बाछडा उम्र 20 वर्ष नि. ग्राम परवलिया थाना रिंगनोद जिला रतलाम का जमानत आवेदन पत्र निरस्त किया गया।
विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो एक्ट) श्रीमती गौतम परमार ने बताया कि दिनांक 17.03.2020 को रात्रि 9 बजें अवयस्क अभियोक्त्री घरवालों को बाहर जाने का बोलकर घर से गयी थी जो कुछ समय पश्चात भी वापस नही आयी तो अभियोक्त्री के पिता ने उसकी आस-पास तलाश शुरू करी पंरतु उसकी अवयस्क बालिका नही मिली तो वह अगले दिन सुबह ढोढर पुलिस चौकी गया और अपनी अवयस्क बालिका की शंका में मनीष पिता राजेश द्वारा बहला फुसलाकर अपहरण कर ले जाने संबंधी रिपोर्ट दर्ज करायी।
पुलिस चौकी ढोढर पर संदेही मनीष पिता राजेश बाछडा के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कर प्रकरण की असल कायमी हेतु थाना रिंगनोद भेजकर असल प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गयी। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री को दिनांक 02.05.2020 को बरामद कर उससे पुछताछ करने पर उसने बताया कि वह मनीष को जानती है। घटना की रात्रि वह जंगल में शौच के लिये गयी थी तभी मनीष आया और उसने कहा कि मेरे साथ चल अपन दोनो कही बाहर घुमने चलेगें। मेरे मना करने पर उसने जान से मारने की धमकी देकर मुझे अपने साथ मोटर सायकिल पर बिठा कर उज्जैन ले गया था। उज्जैन में मनीष ने उसके साथ दुष्कर्म किया, इसके पश्चात वह उसे शुजालपुर ले गया और वहा से मनीष उसे ट्रेन में बिठाकर गुजरात मोरवी ले गया जहा उसने उसे डेढ महीने तक रखा और उसके साथ दुष्कर्म किया।
दिनांक 18.05.2020 को आरोपी मनीष को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहॉ से उसका जेल वारंट बनाकर उसे जेल दाखिल किया गया। प्रकरण में पुलिस द्वारा विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र दिनांक 17.08.2020 को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
आरोपी मनीष की ओर से उसके अधिवक्ता द्वारा जमानत आवेदन पेश करने पर दिनांक 03.09.2020 को माननीय विशेष न्यायालय में सुनवायी हुई जिसमें अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती गौतम परमार द्वारा जमानत आवेदन पत्र का विरोध कर तर्क प्रस्तुत किये गये। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए तथा अवयस्क बालिकाओ के साथ बढते हुए दुष्कर्म एवं लैंगिक हमलो की घटनाओ को देखते हुए अभियुक्त को जमानत पर छोडा जाना उचित नही मानते हुए जमानत आवेदन निरस्त किया गया।