भारत सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि रोहिंग्या मुसलमान देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं. हलफनामा में कहा गया है कि रोहिंग्या मुसलमानों का पाकिस्तान से कनेक्शन है. साथ ही वह आईएसआईएस से जुड़े हैं. ऐसे में उन्हें किसी भी सूरत में भारत में पनाह नहीं दी जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए इस मामले को 3 अक्टूबर तक टाल दिया है. सरकार ने हलफनामे में कहा है कि अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को देश में रहने की इजाजत नहीं दी सकती है. हलफनामे के मुताबिक भारत में अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 40 हजार से अधिक हो गई है. हलफनामे में सरकार ने साफ किया है कि ऐसे रोहिंग्या शरणार्थी जिनके पास संयुक्त राष्ट्र के दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें भारत से जाना ही होगा.
देश की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि रोहिंग्या मुसलमानों का आतंकवादियों से कनेक्शन है. ये जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हैदराबाद और मेवात में सक्रिय हैं.