मुंबई (खबर गुरू) 26 फरवरी 2017 : मुम्बई नगर निकाय में सत्ता के लिए गठबंधन को लेकर रहस्य बरकरार है. वहीं बीजेपी और शिवसेना दोनों ही अपना दावा पेश कर रही हैं. कांग्रेस ने जहां शिवसेना का समर्थन करने से इनकार किया है वहीं शिवसेना ने कहा कि इसने पार्टी से संपर्क नहीं किया. बीएमसी चुनावों में खंडित जनादेश आने के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस में विचार चल रहा है कि इसे मुंबई का महापौर शिवसेना के उम्मीदवार को बनाने पर विचार करना चाहिए. भगवा खेमे में दरार को और चौड़ा करने के लिए इसे कांग्रेस की चाल माना जा रहा है. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कल संकेत दिया कि शिवसेना पहले भाजपा नीत सरकार से बाहर निकले और उसके बाद उनकी पार्टी निर्णय करेगी.
वहीं शनिवार को शिवसेना से कांग्रेस की डील होने को लेकर खबरें मीडिया में आती रहीं. शाम होते-होते खबर आई कि मुंबई कांग्रेस में दरार पड़ गई है. एक धड़ा शिवसेना से गठबंधन के पक्ष में है तो दूसरा विरोध कर रहा है.
भाजपा और शिवसेना दोनों ही 227 सदस्यीय बृहन्मुंबई नगर निकाय में जादुई आंकड़ा 114 को हासिल करने से काफी दूर हैं. 21 फरवरी को हुए चुनाव में जहां शिवसेना को 84 सीटें मिलीं वहीं भाजपा ने 82 सीटों पर जीत दर्ज की है. मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरूपम ने कहा कि पार्टी शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी . मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा का कांग्रेस के साथ चुनाव बाद गठबंधन नहीं होगा और न ही पार्टी ‘पारदर्शिता’ के एजेंडे को छोड़ेगी.