खबरगुरु (रतलाम) 22 सितंबर। रतलाम में पिछले कुछ महीनों से आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त आर.एस. परिहार की मनमानी करने, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में आये दिन भ्रामक खबरे चलवाने, नए नए तरीके से पुराने संघठनो के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग करने और शिक्षक हित मे वास्तव में कार्य करने वाले संघठनो के प्रति आपस मे लड़वाने जैसे कार्य करने के विरोध में दर्जन भर कर्मचारी संघठनो ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में बताया कि महीनों से लंबित कई महत्वपूर्ण कामो को केवल फाइलों में दबा के रखा जा रहा था। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पिछले 18-20 महीनों के वेतन लंबित है। ऐसी कई समस्याओ से आक्रोशित होकर जिले के लगभग दर्जन भर कर्मचारी संघठनो के अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति में सहायक आयुक्त आफिस का घेराव कर गगनभेदी नारे लगाए।
सहायक आयुक्त का रवैया ऐसा ही रहा तो हमारा अगला आंदोलन भोपाल का होगा
इसके पश्चात सभी लोग कलेक्टर कार्यलय गए वहां भी गगनभेदी नारो से पूरा कलेक्टर आफिस गूंज उठा। प्रतिनिधि के रूप में एसडीएम ज्ञापन लेने आये। लेकिन कर्मचारी उन्हें ज्ञापन देने को तैयार नही थे। एसडीएम के निवेदन पर उन्हें ज्ञापन। दिया गया व आश्वाशन दिया कि आपके प्रतिनधि मंडल को अंदर ही मिलने भेज दिया जाएगा क्योंकि कोविड 19 के कारण अभी बहुत कुछ चल रहा है। उसके उपरांत संयुक्त मोर्चे के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर महोदय से मुलाकात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया व विभिन्न लंबित जिले की ट्राइबल व शिक्षा विभाग की समस्याओं से अवगत कराया व उन्हें TL की बैठक में लेने की बात कही। जिसे उन्होंने स्वीकार किया। व सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा कर शीघ्र इनके निराकरण की बात भी कही है। इसके अलावा प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर महोदय से कहा है कि अगर आगे भी सहायक आयुक्त महोदय का रवैया ऐसा ही रहा तो हमारा अगला आंदोलन सीधे भोपाल का होगा।
आंदोलन में ये कर्मचारी संगठन रहे उपस्थित
राज्य शिक्षक संघ, प्रान्तीय शिक्षक संघ, म.प्र तृतीय वर्ग शाशकीय कर्मचारी संघ (श्री टेकवानी समूह), म.प्र कर्मचारी कॉंग्रेस, म.प्र शिक्षक कांग्रेस संघ, नैशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम संघ, भारतीय आजाद परिषद संघ, ट्राइबल वेलफेयर टीचर्स असोसिएशन संघ, राष्ट्रीय पेंशन बहाली संघ, उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ।
अशोभनीय व्यवहार कर्मचारीयो से किया जा रहा है
डॉ मुनीन्द्र दुबे (अध्यक्ष) राज्य शिक्षक संघ ने खबरगुरू डॉट कॉम से चर्चा में बताया कि देश में तानाशाही बहुत पहले ही समाप्त हो चुकी है बावजूद इसके सहायक आयुक्त द्वारा अशोभनीय व्यवहार कर्मचारीयो से किया जा रहा है। सहायक आयुक्त के बुरे व्यवहार के विरोध में ज्ञापन दिया है। उसके साथ हमारे साथ कार्य करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जो कि कलेक्टर रेट पर कार्य करने वाले होते है। उन्हे 20 माह से पेमेंट नही मिला है। परेशान होकर जब वह अपनी परेशानी बताने साहब के पास जाते है तो उन्हे काम से निकालने की धमकी दि जाती है। मजबूर होकर उन कर्मचारीयो के लिए हम सभी संस्थाओ का आंदोलन करना पडा। कलेक्टर से मुलाकात के बाद आश्वासन मिलने पर मामला शांत हुआ है।[divider]
मैं अपना कार्य इमानदारी से कर रहा हुॅ
वेतन देना और न देना मेरी मर्जी से नही होता है। आईएफएच पोर्टल पर अगर बजट ही नही है तो मैं वेतन दे ही नही सकता हुॅ। आज से ढ़ाई वर्ष पहले जिले में 21 लोग वेतन निकालते थे परंतु आज मैं अकेला ही यह कार्य कर रहा हुॅ। इस कारण कार्य में थोडी सी देरी हो सकती है। मैं किसी भी व्यक्ति के लिये नियम के विरुद्ध कार्य नही करता हुॅ चाहे वो मेरा मित्र ही क्यो न हो। मेरे लिए सभी कर्मचारी समान है। जितने संगठन का ज्ञापन में नाम दिया गया है उसमें से कुछ मान्यता प्राप्त नही है तो कुछ संगठन ने ज्ञापन में शामिल होने से इंकार भी किया है। मैं अपना कार्य इमानदारी से कर रहा हुॅ और किसी भी कर्मचारी के दबाव में आकर कोई नियम विरुद्ध कार्य नही करूंगा।
आर.एस. परिहार (सहायक आयुक्त) आदिम जाति कल्याण विभाग