ख़बरगुरु रतलाम 22 दिसंबर 2018। भारत की शिल्पकला प्राचीन तथा दूरदराज क्षेत्रों में बिखरी पडी है। यह शिल्पकला हमारी संस्कृति का हिस्सा है। यही कारण है कि शासन ने शिल्पकारों को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार नई योजनाओं पर काम कर रहे हैं। यह मेला भी संस्कृति-संस्कार के प्रदर्शन और जोडने का माध्यम है। शिल्प से कद्रदान जुडता है जिससे अनेकता में विविधता के साथ एकता प्रदर्शित होती है।
यह बात रतलाम के शिल्पकार श्री राजेश सोनी ने कही। वे रोटरी हॉल रतलाम पर आयोजित 10 दिवसीय हेण्डलूम मेले का उद्घाटन कर रहे थे। श्री राजेश सोनी थेवा आर्ट के सिद्धहस्त कलाकार है। प्रदेश मे थेवा कला के3 या 4 शिल्पकार ही है। इसमे भी श्री राजेश की कारीगरी अपने आप मे अलग जगह बनाती है। संत रविदास म.प्र. हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम लिमीटेड मप्र शासन द्वारा आयोजित मेला प्रदर्शनी के उदघाटन अवसर पर श्री सोनी ने कहा कि प्रदेश के शिल्पियों की रतलाम में हर साल उपस्थिति से रतलाम के कला पारिखयों को हाथ से बनी सामग्री खरीदने एवं देखने का अवसर मिलता है। छोटे-छोटे शिल्पकार अपने हाथों से बड़ी-बड़ी कलाकृति बनाकर आम जनता तक पहुॅचाते हैं। शासन की मंशा है कि लोगों रोजगार करते जाए और अपने साथ अन्य लोगों को भी जोडते जाए। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले शिल्पियों को हर संभव सहयोग करना चाहिए और उन्हें प्रोत्साहन भी मिलना चाहिए। सोनी ने कहा कि रतलाम में हस्तशिल्प की प्रदर्शनी का लगातार इंतजार रहता है। प्रदर्शनी में गुणवत्ता वाली सामग्री मिलती है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इस मेले में जो भी सामग्री आती है वह बाजार में नहीं मिलती है। फिर सभी सामग्री मशीन के बजाय हाथ से बनी होती है इसलिए उसकी गुणवत्ता और उपयोगिता ज्यादा होती है। प्रारंभ में सभी अतिथियों ने गणेश जी के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। इसके बाद मेले में आए शिल्पियों से चर्चा कर उनके द्वारा बनाई गई सामग्री का परीक्षण किया।
ग्वालियर का ग्लास वर्क और चंदेरी की साड़ियां भी
रोटरी हाल में आयोजित मेले में प्रमुख रूप से ग्वालियर का ग्लास वर्क, चंदेरी की विश्व प्रसिद्ध साड़ियां, सूट, धार जिले की बाग प्रिंट की सामग्री, भोपाल का बांस फर्नीचर, जरी-जरदोजी वर्क, लेदर की जूतिया, जूट के झूले, झाबुआ की आदिवासी गुडिया, पडाना का हेंडलूम बेड कवर,इंदौर का लेदर शिल्प, देवास के लेदर बेग्स,जबलपुर की अर्टिफिशियल ज्वैलरी, महेश्वर के साड़िया-सूट, उज्जैन का भैरवगढ़ प्रिंट, नीमच-तारापुर का दाबू प्रिंट उपलब्ध होगी। श्री सोनी ने नगर के सभी प्रेमियों को मेले में आमंत्रित किया है। उन्होंने बताया कि यह मेला गुणवत्तापूर्ण सामग्री से परिपूर्ण है। आम लोगों के लिए निःशुल्क तथा सुबह 11 से रात 9 बजे तक खुला है।