खबरगुरु (नई दिल्ली) 30 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। ये मन की बात का 68वां संस्करण है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में टॉय इंडस्ट्री को बड़ी भूमिका निभानी है। अब कंप्यूटर और स्मार्टफोन के इस जमाने में कंप्यूटर गेम्स का भी बहुत ट्रंड है। ये गेम्स बच्चे भी खेलते हैं, बड़े भी खेलते हैं। लेकिन, इनमें भी जितने गेम्स होते हैं, उनकी थीम्स भी अधिकतर बाहर की ही होती हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान में वर्चुअल गेम्स हों, टॉयज का सेक्टर हो, सभी ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। 100 वर्ष पहले, गांधी जी ने लिखा था कि ‘असहयोग आंदोलन, देशवासियों में आत्मसम्मान और अपनी शक्ति का बोध कराने का एक प्रयास है।’
देश घर में रहते हुए उत्सव मनाए जा रहे हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौर में देश घर में रहते हुए उत्सव मनाए जा रहे हैं। लोग अपना और लोगों का ध्यान रखते हुए अपना काम कर रहे हैं। जिस तरह का संयम देखा जा रहा है, वह अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गणेशोत्सव ऑनलाइन मनाया जा रहा है। इको फ्रेंडली गणेश की प्रतिमा स्थापित हुई है।
सितंबर में मनाया जाएगा पोषण माह
पोषण सप्ताह, पोषण माह से जागरूकता पैदा की जा रही है। जैसे क्लास मॉनीटर होता है, वैसे ही न्यूट्रीशन मॉनीटर हो। राशन कार्ड के जैसे न्यूट्रीशन कार्ड भी बनाए जाएं। इसके प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे देश में सितंबर महीने को पोषण माह- पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा। देश और पोषण का बहुत गहरा संबंध होता है। बच्चों के पोषण के लिए भी उतना ही जरूरी है कि मां को भी पूरा पोषण मिले और पोषण या न्यूट्रिशन का मतलब केवल इतना ही नहीं होता कि आप क्या खा रहे हैं, कितना खा रहे हैं, कितनी बार खा रहे हैं।
चिंगारी एप युवाओं के बीच हो रही मशहूर
इसी तरह चिंगारी एप भी युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हो रहा है। एक एप है आस्क सरकार। इसमें चैट बोट के जरिए आप इंटरेक्ट कर सकते हैं और किसी भी सरकारी योजना के बारे में सही जानकारी हासिल कर सकते हैं, वो भी टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो तीनों तरीकों से, ये आपकी मदद कर सकता है।
अंतरराष्ट्रीय त्योहार बन रहा है ओणम
इन दिनों ओणम का पर्व भी धूम-धाम से मनाया जा रहा है। ये पर्व चिंगम महीने में आता है। इस दौरान लोग कुछ नया खरीदते हैं, अपने घरों को सजाते हैं, पूक्क्लम बनाते हैं, ओनम-सादिया का आनंद लेते हैं, तरह-तरह के खेल और प्रतियोगिताएं भी होती हैं। इसकी धूम विदेशों तक है। यह कृषि से जुड़ा हुआ है। हमारे पर्व किसानों के रंग से ही हरे-भरे बनते हैं। ये बातें वेदों में भी कही गई हैं। ऋग्वेद में कहा गया है- अन्नदाता को नमन है। अमेरिका हो, यूरोप हो, या खाड़ी देश हों, ओणम का उल्लास आपको हर कहीं मिल जाएगा। ओणम एक अंतरराष्ट्रीय त्योहार बनता जा रहा है।