खबरगुरु (रतलाम) 13 सितंबर। रतलाम आए प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने रविवार को रतलाम के समीप करमदी नमकीन क्लस्टर औद्योगिक क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान स्थानीय विधायक चैतन्य काश्यप, राजेंद्रसिंह लुनेरा, मनोहर पोरवाल तथा स्थानीय उद्यमी मौजूद थे।
मंत्री सखलेचा ने करमदी क्षेत्र में नमकीन बनाने वाली इकाई का निरीक्षण करते हुए उसका उत्पाद भी चखा। इस अवसर पर श्री सकलेचा ने कहा कि लॉकडाउन के पश्चात तथा कोरोना काल में लघु, मध्यम उद्योगों का महत्व और बढ़ गया है। ये उद्योग सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले उद्योग हैं। उन्होंने कहा कि वे विभिन्न जिलों ने पहुंचकर निरीक्षण कर रहे हैं। स्थानीय फीडबैक के आधार पर लघु, मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए और बेहतर नीति तैयार की जाएगी।
मंत्री सखलेचा ने कहा कि करमदी नमकीन क्लस्टर को देश के आदर्श क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा। इस क्षेत्र में और ज्यादा क्लस्टर तथा औद्योगिक इकाइयों के आने के बाद टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएगी। साथ ही कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन का अनुदान आपकी क्षमता वृद्धि के लिए है, यह कैपिटल बेस नहीं होता। अनुदान को कैपिटल मानने पर औद्योगिक इकाई जल्दी ही समस्याग्रस्त हो जाती है।
इस दौरान विधायक चैतन्य काश्यप ने कहा कि करमदी क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों के विस्तार के लिए प्रस्ताव तैयार किए गए हैं, आगे विकास के लिए और भी कई कार्य किए जाएंगे। इस अवसर पर एकेवीएन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर तथा संयुक्त संचालक उद्योग इंदौर उज्जैन एच.आर. मुजाल्दा जिला महाप्रबंधक उद्योग अमरसिंह मोरे, स्थानीय उद्यमी रमेश सोनी, नूतन तथा नरेंद्र लालन उपस्थित थे।
नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हेतु 10 दिनों में एक्शन प्लान को अंतिम रूप देकर भेजें
जिले में नवीन 100 लघु-मध्यम औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के प्रस्ताव तैयार होंगे
सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग मंत्री सखलेचा ने रतलाम में बैठक लेकर अधिकारियों को दिए निर्देश
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने रविवार को रतलाम सर्किट हाउस पर विभागीय अधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि जिले में शासन के दिशा-निर्देश अनुसार लघु, मध्यम उद्योग इकाइयों की स्थापना का एक्शन प्लान तैयार किया जाए। आगामी 10 दिनों में एक्शन प्लान को अंतिम रूप देकर भोपाल प्रेषित करें। इसके साथ ही एक माह के भीतर जिले में लघु मध्यम आकार की 100 नवीन इकाइयों की स्थापना के प्रस्ताव भी तैयार करके शासन को प्रेषित करे। बैठक में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एकेवीएन तथा संयुक्त संचालक उद्योग इंदौर उज्जैन श्री एच.आर. मुजाल्दा, महाप्रबंधक रतलाम श्री अमरसिंह मोरे तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री सखलेचा ने निर्देश दिए कि जिले के अधिकाधिक युवाओं को उद्यमी बनाने के लिए विभाग कृतसंकल्पित हो, उद्यमी आगे आकर उद्योग लगाएं। इसके लिए विभाग के अधिकारी उद्यम फ्रेंडली बने, युवा उद्यमियों को परेशान नहीं होना पड़े, उनकी समस्याओं का समाधान करें मार्गदर्शन दें। मंत्री श्री सखलेचा ने स्थानीय उद्योग विभाग में स्टाफ की जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि हर एक एग्जीक्यूटिव अधिकारी प्रत्येक माह 100 औद्योगिक इकाइयों में पहुंचे, उनके विकास के संबंध में जानकारी लें। यदि शिकायत आती है तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री सखलेचा ने निर्देश दिए कि औद्योगिक क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए क्योंकि इनसे बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होता है। बताया गया कि करमदी क्षेत्र में 10 हेक्टेयर भूमि में अतिरिक्त रूप से क्लस्टर निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। मंत्री श्री सखलेचा ने निर्देशित किया कि 10 हेक्टेयर क्षेत्र को चार जोन में बांटा जाकर प्रत्येक जोन में 15 से 20 लघु उद्यमियों को भूमि आवंटित की जाए। उन्होंने महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को निर्देशित किया कि रतलाम तथा आसपास के क्षेत्रों में किस प्रकार की नवीन उद्यम इकाइयों की स्थापना की जा सकती है, इसकी विस्तृत पड़ताल करें। क्षेत्र में फर्नीचर तथा फूड प्रोसेसिंग के बड़े टर्नओवर वाले उद्योग स्थापित करने की पहल की जाए। नए एंटरप्रेन्योर को मार्गदर्शन दिया जाए।
बैठक में बताया गया कि जिले के बांगरोद में 100 हेक्टेयर, जावरा में 36 हेक्टेयर, आलोट क्षेत्र में 26 हेक्टेयर, रतलाम ग्रामीण में 16 हेक्टेयर भूमि में नवीन उद्यम इकाइयों की स्थापना के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि जो भी उद्यमी भूमि प्राप्त करें उसे एक निश्चित समय सीमा में अपनी औद्योगिक इकाई स्थापित करना होगी। समय सीमा बाहर जाने पर आवंटित भूमि वापस ले ली जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य उद्यम इकाइयों की स्थापना को उच्चतम स्तर पर ले जाना है।