खबरगुरु (रतलाम) 27 अक्टूबर। चैतन्य काश्यप फाउंडेशन कुपोषित बच्चों को कुपोषणमुक्त करने के लिए अपनी ओर से मदद सतत जारी रखेगा। फाउंडेशन द्वारा शहर में कुपोषण मुक्ति के लिए किए जा रहे उल्लेखनीय प्रयासों के सकारात्मक परिणाम आए हैं। यह कार्य प्रदेश में रोल मॉडल के रूप में अपना स्थान बना चुका है। यह बात विधायक शहर चैतन्य काश्यप ने महिला बाल विकास विभाग के कुपोषण मुक्ति अभियान की समीक्षा बैठक में कही। इस दौरान जिला पंचायत प्रधान परमेश मईडा, कलेक्टर गोपालचंद्र डाड, एसडीएम शहर अभिषेक गहलोत, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्रीमती विनीता लोढा, सहायक संचालक सुश्री अंकिता पंड्या, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे तथा विभागीय अमला उपस्थित था।
बैठक में विधायक काश्यप ने निर्देश दिए कि महिला बाल विकास विभाग अपने संकलित आंकड़ों को सही करे, इनमें जो भी त्रुटि है उनको दुरुस्त कर स्पष्ट आंकड़े जारी किए जाएं ताकि जिले में कुपोषण मुक्ति की योजना का सुनियोजित ढंग से क्रियान्वित हो सके। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जिले की विभिन्न परियोजनाओं में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं के रिक्त पदों पर की जा रही भर्ती प्रक्रिया की जानकारी दी गई। कलेक्टर श्री डाड ने निर्देश दिए कि भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी रूप से संपन्न किया जाए, इसके लिए चयन प्रक्रिया समिति गठित की जाए।
कुपोषण संबंधी जानकारी की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने निर्देश दिए कि बच्चों का वजन हमेशा ग्रोथ चार्ट के अनुसार प्राप्त किया जाए। जिन कुपोषित बच्चे को पुनर्वास केंद्र में भर्ती करने की आवश्यकता है उन्हें तत्काल वहां भेजा जाए। बताया गया कि जिले की आंगनवाड़ियों में 1 लाख 39 हजार 596 बच्चे दर्ज हैं, इनमें 18 हजार 357 बच्चे कम वजन के हैं तथा लगभग ढाई हजार बच्चे अति कम वजन की श्रेणी में आते हैं जिनको सूचीबद्ध किया गया है।
बैठक में बताया गया कि रतलाम जिले में 0 से 5 वर्ष आयु के बच्चों के तहत 46 प्रतिशत बच्चों में आयु के अनुसार ठिगनापन है जबकि मध्यप्रदेश में यह प्रतिशत 42 है। इसी आयु समूह में रतलाम जिले के 21.7 प्रतिशत बच्चों में दुबलापन है। प्रदेश का स्टेटस 25.8 प्रतिशत है। बैठक में कलेक्टर द्वारा मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर की सही जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। विधायक श्री काश्यप ने गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की रिपोर्ट के अध्ययन में कहा कि रतलाम शहर तथा रतलाम ग्रामीण क्षेत्र में कुल 17991 गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की जानकारी सहमत योग्य नहीं है जबकि अन्य विकासखंडों में 3000 अथवा 5000 के आसपास गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की जानकारी दी गई है, जानकारी को दुरुस्त किया जाए।
कलेक्टर द्वारा जिले में संस्थागत प्रसव की त्रुटिरहित रिपोर्ट प्राप्त करने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार जिले में फ्लोरोसिस की समस्याओं पर चर्चा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि बाजना-सैलाना क्षेत्र में सरफेस वाटर परिवारों को उपलब्ध कराने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देशित किया जा रहा है ताकि बच्चे फ्लोरोसिस से पीड़ित नहीं हो। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की भी समीक्षा बैठक में की गई। जिला चिकित्सालय में डायलिसिस मशीन संचालन के लिए बजट उपलब्धता हेतु कलेक्टर द्वारा सीएमएचओ को निर्देशित किया गया कि भोपाल से संपर्क कर आवश्यक बजट राशि प्राप्त करें। डायलिसिस कार्य किसी भी स्थिति में रुकना नहीं चाहिए। इसी प्रकार लाडली लक्ष्मी योजना की समीक्षा में आलोट विकासखंड में शत-प्रतिशत डेटा प्रविष्टि आगामी 10 दिनों में करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि कुपोषित बच्चों को स्वस्थ करने के लिए महिला बाल विकास विभाग के पास उपलब्ध अटल बाल आरोग्य मिशन की राशि से बच्चों की मालिश हेतु तेल तथा पौष्टिक चूर्ण उपलब्ध कराया जाए। तेल तथा पौष्टिक चूर्ण की उपलब्धता जिला आयुष अधिकारी द्वारा कराई जाएगी, भुगतान महिला बाल विकास विभाग द्वारा किया जाएगा।