(ख़बर गुरु) 12 फ़रवरी 2017: प्रदेश के इतिहास में और संभवत: देश में पहली बार शासकीय योजनाओं का एक ही दिन में एक साथ 12 लाख 68 हजार पात्र हितग्राहियों को लाभांवित करने का रिकार्ड 8 फरवरी को नगर उदय अभियान में दर्ज किया गया। इस दिन पूरे प्रदेश में 25 दिसंबर से 5 फरवरी, 2017 के मध्य 3 चरण में चले अभियान में कार्यक्रम आयोजित किये गये। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही मंत्रि-परिषद के सदस्यों ने हितग्राहियों को योजनाओं के स्वीकृति पत्र सौंपे। यह जानकारी नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने दी।
नगरीय विकास की विभिन्न योजनाओं के लिये 30 हजार करोड़ स्वीकृत
मंत्री श्रीमती माया सिंह ने बताया कि नगर उदय अभियान का उद्देश्य नगरीय निकायों द्वारा नागरिकों को उपलब्ध करवाई जा रही सेवाओं के मूल्यांकन के साथ ही नगरीय क्षेत्रों के लिये शासन की योजनाओं के प्रत्येक पात्र हितग्राही का चिन्हांकन करना था। साथ ही उनके पास जाकर उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ पहुँचाना था। इसके लिये पूरे प्रदेश में 6 हजार 28 दलों का गठन किया गया और 7 हजार 286 वार्ड सभा के जरिये हितग्राहियों तथा नगरीय सेवाओं की जरूरत तथा उनका मूल्यांकन किया गया।
अभियान के दौरान रीवा और शहडोल संभाग में 2 लाख 6 हजार लाभांवित हुए। जबलपुर संभाग में एक लाख 71 हजार, उज्जैन संभाग में 80 हजार, भोपाल-नर्मदापुरम संभाग में 2 लाख 88 हजार, सागर संभाग में एक लाख 52 हजार, इंदौर संभाग में एक लाख 80 हजार और ग्वालियर संभाग में एक लाख 71 हजार हितग्राहियों को लाभांवित किया गया।
अभियान में हाथठेला तथा रिक्शा चालक योजना में 22 हजार 885, पथ पर विक्रय करने वालों की कल्याण योजना में 19 हजार 472, केश शिल्पी कल्याण योजना में 5 हजार 29, शहरी घरेलू कामकाजी महिला योजना में 44 हजार 439, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में 41 हजार 304, विभिन्न योजनाओं में शहरी गरीबों को आवास में 2 लाख 80 हजार 461, लाड़ली लक्ष्मी योजना में 7,558, मुख्यमंत्री शहरी स्व-रोजगार योजना में 7,245, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में 28 हजार 885, मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना में 1806, मुख्यमंत्री भवन कर्मकार कल्याण मण्डल योजना में 48 हजार 605, लोक सेवा प्रदाय गारंटी योजना में 26 हजार 990, स्कूल चले हम अभियान में 7,222, मुख्यमंत्री प्रसूति सहायता योजना में 3215, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में 39 हजार 477, गरीबी रेखा में 17 हजार 5 लोगों के नाम जोड़े गये, मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना में 688, पात्र हितग्राहियों को पट्टा वितरण 15 हजार 936, व्यक्तिगत शौचालय आधिपत्य पत्र 3 लाख 29 हजार 151 को और अटल पेंशन योजना में 45 हजार 528 हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र दिये गये।
अभियान के दौरान नगरों के सर्वांगीण विकास के लिये सभी पहलुओं पर काम शुरू किया गया। इनमें शहरी गरीबों की आजीविका के लिये समावेशी विकास, शहरी पेयजल, शहरी स्वच्छता तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, शहरी सीवेज, हरित क्षेत्र की स्थापना, सड़क तथा अधोसंरचना विकास, शहरी गरीबों को आवास, शहरी यातायात, अग्निशमन सेवा, ई तथा मोबाईल गवर्नेंस, वित्तीय एवं प्रशासनिक शहरी सुधार, स्मार्ट सिटी, कौशल विकास शिक्षा और नागरिकों को मालिकाना हक प्रदान करने के लिये कानूनों में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू की गई।
अभियान में नगरीय विकास की विभिन्न योजनाओं के लिये 30 हजार करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। इसमें 200 निकायों में शहरी पेयजल आवर्धन योजना में 6191 करोड़ 49 लाख, 40 नगरीय निकाय की सीवरेज परियोजना के लिये 3227 करोड़ 86 लाख, स्वच्छता के लिये 6 क्लस्टर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये 1640 करोड़, भोपाल-इंदौर-जबलपुर में स्मार्ट सिटी परियोजना के लिये 1963 करोड़, 105 निकायों में 2 लाख 35 हजार आवासीय इकाई निर्माण के लिये 1599 करोड़ 80 लाख , शहरी यातायात में हब एण्ड स्पोक मॉडल में 20 शहर के क्लस्टर में 2100 बस के लिये 450 करोड़, मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास के द्वितीय चरण के लिये 378 नगरीय निकायों को 1107 करोड़ तथा शहरी सुधार योजना में ई-नगर पालिका तथा ऑटोमेटेड बिल्डिंग प्लॉन एप्रूवल सिस्टम के लिये 260 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये।