खबरगुरु (रतलाम) 25 सितंबर। एकात्म मानव दर्शन दिया, जो विश्व में पूंजीवाद, साम्यवाद जैसे आधे-अधूरे चिंतन वाले दर्शनों से दुखित मानवता को भारतीय संस्कृति के अनुरूप मानव के परम ध्यैय पर पहुंचा सकें । संघर्ष के स्थान पर समन्वय और सहयोग से एकात्म मानव दर्शन ही संपूर्ण मानव जगत को सही मार्ग पर ले जा सकता है। समाज के अंतिम व्यक्ति को मूलभूत सुविधा मिलना अंत्योदय है ।
उक्त विचार समाजसेवी आशुतोष शर्मा ने व्यक्त किए। श्री शर्मा म.प्र. जन अभियान परिषद् रतलाम द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर साइंस एकेडमी शक्तिनगर, रतलाम में आयोजित “अंत्योदय, एकात्म मानववाद” विषय पर जिला स्तरीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता मौजूद थे।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए अशोक पाटीदार द्वारा बताया गया कि संसार में शांति एकात्म मानव दर्शन से ही मिल सकती है। आज के युवाओं को दीनदयालजी के विचारों को आत्मसात कर अंत्योदय के क्षेत्र में कार्य करना चाहिए।
[box type=”shadow” ]विद्यार्थियों को अंकसूची और कोरोना वांलेंटियर को भेंट किए प्रमाण पत्र
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को अंकसूची का वितरण किया गया तथा जन अभियान परिषद् के कोरोना वांलेंटियर को मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र प्रदान किया गया ।
ये रहें मौजूद
कार्यक्रम में सालिगराम पाटीदार, केहुल शाह, राजश्री राठौर, विकासखण्ड समन्वयक युवराजसिंह पंवार, रतनलाल चरपोटा, महावीरदास बैरागी, परामर्शदाता राजेश सोलंकी, वैदेही कोठारी, भरतसिंह राठौर, अभिषेक चौरसिया, स्वयं सेवी संस्था खुशी एक पहल से अमान माहेश्वरी, जितेन्द्र राव, प्रस्फुटन नवांकुर समिति सदस्य, बीएसडब्ल्यू कोर्स के विद्यार्थी तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।