खबरगुरु (रतलाम) 3 दिसंबर। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में सीईओ जिला पंचायत जमुना भिडे, जिला शिक्षा अधिकारी के.सी. शर्मा,, सहायक संचालक लक्ष्मण देवडा, डाईट प्राचार्य आनन्द शर्मा, जिला परियोजना समन्वयक मोहनलाल सांसरी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा विभिन्न घटकों, पाठ्य पुस्तक वितरण, अपूर्ण निर्माण कार्य, दिव्यांग विद्यार्थियों का विद्यालय नामांकन में प्रदेश स्तर पर रेकिंग अच्छी नहीं होने पर असंतोष व्यक्त करते हुए जिला परियोजना समन्वयक को आगामी टी.एल. बैठक तक सुधार लाने के निर्देश दिए गए। कक्षा पहली से चौथी के विद्यार्थियों का अकादमिक स्तर पर जांच करने के लिए डाईट प्राचार्य को आंकलन एवं मूल्यांकन प्रपत्र बनाकर जिले के सभी शासकीय विद्यालयों में 15 से 24 दिसम्बर तक मूल्यांकन कर परिणाम से अवगत कराने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने विद्यालय का संचालन निर्धारित समयानुसार करने एवं सभी विद्यालयों में सतत् रुप से शैक्षणिक अध्यापन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को सतत् निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
बैठक में प्रत्येक शिक्षक को कक्षा 1 के बच्चे को गोद लेने की समीक्षा की गई। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले के 1520 प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा 2726 बच्चों को गोद लिया गया है। गोद लिए बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता के उन्नयन हेतु विद्यालय समय के अतिरिक्त शिक्षक द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि विद्यालय के निरीक्षण के दौरान गोद लिए गए विद्यार्थी की अकादमिक स्तर की जांच की जाएगी।
कक्षा 10 वीं एवं 12 वीं के त्रैमासिक परीक्षा परिणाम की समीक्षा के दौरान कम परीक्षा परिणाम पर कलेक्टर द्वारा असंतोष व्यक्त करते हुए विशेष कार्ययोजना बनाकर परिणाम में सुधार के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि विगत 3 वर्षों से खराब परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों का चिन्हांकन कर मेंटर नियुक्त किए गए हैं। जिन विद्यालयों में बोर्ड कक्षा में 70 से अधिक विद्यार्थी दर्ज हैं ऐसे 63 विद्यालयों में जिला स्तर से मानिटरिंगकर्ता नियुक्त किए गए हैं। परिणाम सुधार हेतु बोर्ड के नवीन ब्लू प्रिंट के आधार पर जिला स्तर से 52 अंकों के पाठयक्रम पर प्रश्न बैंक बनाकर विषय शिक्षक को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिला स्तर से संचालित आनलाईन कक्षाओं में भी इन 52 अंकों के पाठ्यक्रम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।