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रतलाम: दिमाग में फंसे हड्डी के टुकड़ों को निकाल डॉक्टरों ने हासिल की कामयाबी, 4 घंटे तक चली सर्जरी

खबरगुरु (रतलाम) 7 जनवरी। रतलाम के जी.डी. हॉस्पिटल में चिकित्सकों ने कीर्तिमान बनाया। 4 घण्टे तक चले जटिल ऑपरेशन से चिकित्सकों ने दिमाग में धंसी हड्डी को निकालने में कामयाबी हासिल की। रतलाम के चिकित्सा इतिहास में पहली न्यूरो सर्जरी डॉ. मिलेश नागर ने जी. डी. हॉस्पिटल में की।

5 दिसंबर को मुलथान गांव के पाटीदार मोहल्ला निवासी महेंद्र पाँचाल सड़क दुर्घटना में गंभीर घायल हो गए थे। उन्हें बदनावर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहाँ प्राथमिक उपचार के बाद महेंद्र को गंभीर अवस्था में रतलाम रैफर कर दिया गया था। रतलाम में जी.डी. हॉस्पिटल लाया गया।   हॉस्पिटल में डॉ. लेखराज पाटीदर ने शहर के पहले न्यूरो सर्जन गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. मिलेश नागर से संपर्क किया। डॉ. नागर अस्पताल पहुँचे एवं मरीज का परीक्षण कर न्यूरो सर्जरी की आवश्यकता बताई।
परिजन की सहमति के बाद अस्पताल के डॉक्टरों की टीम के साथ तुरंत न्यूरो सर्जरी की तैयारी शुरू कर दी। मरीज की हालत बेहद नाजुक होने से महज एक घंटे के भीतर ही सर्जरी शुरू हो गई। सर्जरी लगभग 4 घंटे चली। डॉ. मिलेश एवं अस्पताल की टीम ने मरीज के दिमाग में फंसे हड्डी के टुकड़ों को बाहर निकला। खून के थक्के भी साफ किए। सफल सर्जरी के बाद मरीज को ऑब्जर्वेशन में रखा गया। 9 दिन तक कड़े ऑब्जरवेशन में रहने के बाद महेंद्र को प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया। पूरी तरह स्वस्थ पाए जाने पर उन्हें डिस्चार्ज किया गया। घर रवाना होने से पहले मरीज और परिजन ने जी. डी. अस्पताल प्रशासन एवं डॉक्टरों के प्रति आभार ज्ञापित किया।
खुले जटिल सर्जरी के रास्ते
रतलाम ने चिकित्सा के इतिहास में यह बड़ी सफलता है। रतलाम में पहली सफल न्यूरो सर्जरी होने से अब यहां चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ी सर्जरी के रास्ते खुल गए हैं। अब तक न्यूरो सर्जरी के लिए मरीजों को बड़े शहरों में जाना पड़ता था।

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