सरकार ने आज नई हज नीति में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अमल करते हुए सब्सिडी की व्यवस्था खत्म करने और 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को बिना मेहरम के हज पर जाने की इजाजत देने का प्रस्ताव किया गया है. ‘हज नीति 2018-22’ में हज यात्रियों को समुद्री मार्ग से भेजने के विकल्प पर काम करने की बात की गई है. आने वाले समय में समुद्री जहाज के जरिए हज पर जाना लोगों के लिए एक सस्ता विकल्प हो सकता है. इसमें यह प्रावधान किया गया है कि हजयात्रियों के प्रस्थान के स्थानों की संख्या को 21 से घटाकर नौ किया जाएगा. हज नीति तैयार करने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से गठित समिति के संयोजक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अफजल अमानुल्लाह थे. पूर्व न्यायाधीश एस एस पार्कर, भारतीय हज समिति के पूर्व अध्यक्ष कैसर शमीम और इस्लामी जानकार कमाल फारुकी सदस्य थे तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में हज प्रभारी संयुक्त सचिव जे. आलम समिति के सदस्य सचिव थे.