खबरगुरू (भोपाल) 6 दिसंबर । विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस बना हुआ है। इस बीच सूत्रों ने बताया है कि बीजेपी नए चेहरों को मुख्यमंत्री बना सकती है। पार्टी किसी पुराने सीएम को दोबारा सीएम की कुर्सी पर बैठाने के मूड में नहीं दिख रही है। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा नहीं की थी। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री के लिए भाजपा में दो गुटों में बटता दिखाई दे रहा है। एक वह जो लाड़ली बहना को जीत का श्रेय दे रहा है तो दूसरा मोदी लहर को जीत का श्रेय दे रहा है। अब यदि लाड़ली बहना का जादू बताए तो सीएम के लिए शिवराज की दावेदारी हो जाती है और मोदी लहर बताए तो नया चेहरा सीएम के लिए हो सकता है।
इस बार भी, तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के नाम को लेकर चर्चा नतीजे आने के बाद से ही शुरू हो गई थी। हालांकि, मंगलवार रात प्रधानमंत्री आवास पर हुई साढ़े चार घंटे की बैठक में सब बदल गया। राज्य विधानसभा चुनाव में विधायक बने दस भाजपा सांसदों ने संसद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, भाजपा के 12 सांसद विधानसभा चुनाव जीते हैं। इस्तीफा देने वाले 10 सांसदों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद पटेल सहित नौ लोकसभा सांसद और एक राज्यसभा सांसद शामिल हैं। MP की कमान जहां शिवराज सिंह चौहान के हाथ में हैं, वहीं वसुंधरा राजे राजस्थान और रमन सिंह छत्तीसगढ़ में सीएम की कुर्सी संभाल चुके हैं। अब भाजपा नए चेहरों को मुख्यमंत्री बना सकती है। हालांकि सूत्रों के अनुसार जब पार्टी नेतृत्व अपने मुख्यमंत्रियों को चुनता है तो पीढ़ीगत बदलाव से इनकार नहीं किया जा सकता है। खेर कोई भी सीएम बने परंतु चयन 2024 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। पार्टी तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर सकती है, ये पर्यवेक्षक राज्यों में जाकर नवनिर्वाचित विधायकों से मिलेंगे, उनका मूड भांपेंगे और फिर विधायक दल का नेता चुना जाएगा। और संभावना जताई जा रही है की भाजपा रविवार तक तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर सकती है।