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पहले खुद छोड़ी शराब, अब दूसरों को नशा छुड़ाने में कर रहे मदद, निर्स्वाथ भाव से इस बीमारी से लोगों को बचाने में लगे है ये फरिश्ते

पहले खुद छोड़ी शराब, अब दूसरों को नशा छुड़ाने में कर रहे मदद, निर्स्वाथ भाव से इस बीमारी से लोगों को बचाने में लगे है ये फरिश्ते

खबरगुरू (रतलाम) 30 नवंबर। शराब एक बड़ी सामाजिक समस्या बन गई है। इस समस्या से निजात पा चुके लोग दूसरो को इस समस्या से बचाने में लगे हुए है। हर रोज कुछ लोग इकट्ठा होते है और मीटिंग कर लोगो को शराब से दूर ले जाने की बात करते है। इन लोगों का एक ही मकसद है शराब की लत से लोगो को बचाना। यह प्रेरणा उन्हे अल्कोहल एनोनिमस संस्था की वजह से मिली है। वे लोग ग्रुप थैरेपी से ही लोगों की शराब छुड़ा देते हैं। इसके लिए कोई भी रुपया नहीं लिया जाता है।

ग्रुप थैरेपी से ही लोगों की शराब छुड़ा देते हैं

यह संस्था पूरी दुनिया में कार्य कर रही है और इसका सिर्फ एक ही मकसद है शराब छोड़ने के लिए एक दूसरे की मदद करना। जो भी शराब छोड़ना चाहता है वो इस संस्था के पास जाता है और यह संस्था ग्रुप थैरेपी से ही लोगों की शराब छुड़ा देते हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि इसमें वे लोग शामिल है जो पहले शराब की लत में रह चुके है और उन्होंने शराब की लत से छुटकारा पा लिया है। यह संस्था 1935 में न्यूयार्क के एक डॉक्टर ने शुरू की थी जो कि खुद शराब की बीमारी से गंभीर थे जिन्होंने शराब छोड़ने के लिए अस्पताल, इलाज केंद्र और जेलों तक का सफर कर लिया था।

केवल 10 से 12 प्रतिशत लोग ही इस बीमारी से होते हैं पीड़ित

इस ग्रुप के लोगों का मानना है कि वह खुद शराब की लत में डूब चुके थे, उन्होंने ग्रुप थेरेपी के माध्यम से शराब को छोड़ा है। अब उनका उद्देश्य समाज में ऐसे लोगों को ढूंढना जो शराब पीने की लत से परेशान है, और शराब छोड़ना चाहते हैं। उनकी मदद करना और उन्हें इस बीमारी से दूर लेकर आना है। ग्रुप के सभी लोगों का मानना है कि ज्यादा या लगातार शराब पीना लत नहीं बल्कि बीमारी है। केवल 10 से 12 प्रतिशत लोग ही इस बीमारी से पीड़ित होते हैं और बीमारी से पीड़ित व्यक्ति चाह कर भी शराब से दूर नहीं रह पाता । स्वयं बीमार व्यक्ति भी इस बीमारी के बारे में पता लगा सकता है इसके लिए कोई जांच की आवश्यकता नहीं है।

ऐसे करते हैं काम

यह संस्था असल में शराबियों में से ही निकली हुई है और वह लोग ही शराबियों की मदद करते हैं जो शराब छोड़ना चाहता है वो इस संस्था के पास आता है, सबसे पहले जो शराब छोड़ चुके हैं वो अपने अनुभव उनसे रूबरू करते हैं। इसमें संस्था सबसे पहले शराबी को आज नहीं पीने के लिए प्रेरित करती है और शराब छोड़ने के लिए तो उन्हें कोई कसम दिलाई जाती है ही कोई दवाई का सहारा लिया जाता है बस सिर्फ प्रेरित किया जाता है। हफ्ते में एक बार मीटिंग की जाती है। इस मीटिंग में वो सभी आते हैं जो शराब छोड़ना चाहते हैं इस बात पर भी जोर दिया जाता है कि वो शराबी भगवान के आगे प्रार्थना करे कि उसे शराब छोड़ने के काबिल बनाएं। इस संस्था के सदस्य ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मीटिंग के माध्यम से एक दूसरे से संपर्क करते हैं। बात करते हैं और शराब की समस्याओं से दूर रहने का प्रयास करते हैं। सभी सदस्य एक दूसरे की मदद करते हैं और एक दूसरे का पूरा ध्यान रखते हैं। आश्चर्य की बात है बिना किसी इलाज के यह लोगों की शराब छुड़वा देते हैं। ग्रुप में सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है लोग शराब से दूर हो रहे हैं और एक दूसरे की मदद करते जा रहे हैं।

आप भी इस बिमारी से बचना चाहते है तो यहां करे संपर्क

खास बात और भी है कि ग्रुप के लोग कभी भी सामने आकर अपनी बढ़ाई नहीं करते। पर्दे के पीछे रहकर लोगों की मदद करते हैं। जो भी व्यक्ति इस बीमारी से स्वयं को दूर लेकर जाना चाहता है और शराब की लत से बचना चाहता है तो वह इस ग्रुप में संपर्क कर सकता है। इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है। बल्कि ग्रुप में मौजूद सदस्य की शराब छुड़वाने के लिए पूर्णत: समर्पित होते हैं। दिन हो या रात वह अपने सदस्यों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। मध्य प्रदेश के सभी शहरों में इसके लिए हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं। रतलाम का हेल्प लाइन न. 8358952222, नीमच का हेल्पलाइन न. 9893305776, इंदौर हेल्प लाइन न. 7773833330 , 9926401444 है।

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Dr. Himanshu Joshi

2009 से पत्रकारिता में सक्रिय होते हुए वर्तमान में खबरगुरू डॉट कॉम में संपादक की भूमिका का निर्वहन किया जा रहा है। रतलाम प्रेस क्लब में 2022-2024 में उपाध्यक्ष का दायित्व।

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