ख़बरगुरु (नई दिल्ली) : देश के बड़े आर्थिक सुधार जीएसटी के अब पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद अब टैक्स रेट्स में बदलाव की जरूरत है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि टैक्स रेट्स में बदलाव कर ही छोटे और मझोले कारोबारों से टैक्स का बोझ कम किया जा सकता है।
हसमुख अढिया ने कहा कि जीएसटी जिसमें एक दर्जन से अधिक केंद्र और राज्य कर शामिल हैं, हालाँकि जीएसटी पर फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था जीएसटी काउंसिल इन दिक्कतों को खत्म करने के लिए जीएसटी में कई बार बदलाव कर चुकी है। जिन्हें स्थिर होने में करीब एक साल लगेगा। लागू होने के करीब चार महीने में नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में समस्याएं सामने आइ हैं। ऐसा भी संभव है कि एक चैप्टर में दिए गए गुड्स अलग-अलग टैक्स रेट में आ गए हों। हमें चैप्टर के हिसाब से वस्तुओं पर नजर डालनी चाहिए और यह देखा जाना चाहिए कि छोटे और मझोले कारोबारियों पर बोझ ज्यादा न हो।
जीएसटी रिटर्न फाइल करने और करों का भुगतान करने में छोटे और मझोले व्यवसायियों की परेशानियों को हल करने और नई कर प्रणाली को इंडस्ट्री फ्रेंडली बनाने के लिए विभिन्न पक्षों में सुधार किया जा रहा है।