मोदी सरकार ने तीन तलाक को जुर्म घोषित करने और सजा मुकर्रर करने संबंधी विधेयक पर पहली मंजिल पार कर ली है. बीजेपी ने तीन तलाक संबंधी विधेयक को देश की नौ करोड़ मुस्लिम महिलाओं की तड़प और तकदीर का सवाल बताया. तीन तलाक विरोधी कानून ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ गुरुवार को लोकसभा में पास हो गया.बिना किसी संशोधन के इस विधेयक को मोदी सरकार के लिए लोकसभा की तरह राज्यसभा में पास कराना आसान नहीं है.
बीजेपी ने आज कहा कि इसके कारण कुछ भी खतरे में नहीं है बल्कि सिर्फ कुछ मुसलमान मर्दों की जबरदस्ती खतरे में है. मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर ने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि इसके कारण सारी बुराइयां खत्म हो जायेगी और सब कुछ पुण्य में बदल जाएगा. बल्कि इससे खौफ के साये में जी रही महिलाओं को राहत मिलेगी.
बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, ऐसे में सहयोगी दलों के साथ-साथ विपक्षी दलों का समर्थन भी हासिल करना होगा. इसके बाद ही कहीं जाकर इस विधेयक को कानूनी अमलीजामा पहनाया जा सकेगा. राज्यसभा में विपक्ष के पास पर्याप्त संख्या बल और बहुमत है. इसीलिए माना जा रहा है कि विपक्ष एक साथ संशोधन के लिए दबाव बनाने और उसे संसदीय समिति के पास भेजने के लिए अाग्रह कर सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.