ख़बरगुरु (रतलाम), 26 सितंबर। प्रांजल इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के बैनर तले वहां के विद्यार्थियों ने “मिशन मंगल” की सफलता को जाना और उससे अभिभूत हुए। विद्यार्थियों का कहना है कि लक्ष्य बनाकर रखेंगे तो सफलता अवश्य मिलती है। लक्ष्य से भटकाने वाले अनेक मिलेंगे फिर भी उद्देश्य सकारात्मक हो तो सफलता का शिखर अवश्य मिलता है। यह सीख फिल्म के माध्यम से मिली है।
प्रांजल इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. हिमांशु जोशी ने नवाचार करते हुए विद्यार्थियों को फ़िल्म “मिशन मंगल” आनंद माल के एन वाय सिनेमा में दिखाई गई। मैनेजर अतुल तिवारी ने बेहतर व्यवस्थाएं की। इस दौरान डॉ. हिमांशु जोशी , प्राचार्य श्रीमती अर्चना जोशी, संस्था के हर्ष दशोत्तर, दीपिका मेहता, प्रियंका कावरिया, रजनी वर्मा, शुभम राठौर, किशोर कुमावत, विवेक राही, हेमंत भट्ट एवं 70 से अधिक विद्यार्थी उपस्थित थे।
लक्ष्य के लिए जरूरी जोश, जुनून और जज्बा
विद्यार्थियों का कहना है कि इस फिल्म के माध्यम से हमें यह सीख मिली है कि कोई हमें कितना ही हतोत्साहित करें लेकिन जब लक्ष्य के लिए जोश, जुनून और जज्बा हो तो सफलता का परचम लहरा सकते हैं।
मनोरंजन के साथ मिली ज्ञान विज्ञान की सीख
“मिशन मंगल” की सफलता इतनी आसान नहीं थी लेकिन भारत के वैज्ञानिकों ने इसे सफल करके दिखाया है। साइंस के साथ “होम साइंस” को जोड़कर फिल्म को रोचक भी बनाया है। साथ ही कुंडली के मेल मिलाप, घर गृहस्थी की समस्या, बच्चों पर नियंत्रण, ट्रैफिक व्यवस्था, महिलाओं की कमजोरी, महिलाओं की जिम्मेदारी सहित विभिन्न पहलुओं के संवाद मिशन मंगल को रोचक बनाते हैं।
ऐसा लगा यह हमारी ही है सफलता
फिल्म देखते हुए एक बानगी तो ऐसा लग रहा था कि हम स्वयं ही साइंटिस्ट बन गए हैं और यह हम ही कर रहे हैं। मिशन मंगल की सफलता हमारी सफलता है।