रमेश सोनी
खबरगुरु (रतलाम) 22 मार्च। ईश्वर की रचना अद्भुत है यहां जो कुछ होता है उसके पीछे प्रकृति का एक नियम है जब भी किसी प्राणी का जन्म होता है तो प्राणी को होने वाली प्रसव पीड़ा को ईश्वर की दी गई वेदना माना है ।
क्या आपने कभी किसी गिलहरी को गंभीर रूप से देखा है? क्या कभी किसी हिरण को आराम से चलते देखा है?ये इनकी प्रवृति नहीं है कभी किसी गाय की आंखों को देखोगे तो उसकी आंख में आपको करुणा दिखाई देगी हां हम बात कर रहे हैं करूणा की जो करूणा सृष्टि पर विचरण करने वाले प्रत्येक प्राणी के लिए जरूरी है।मनुष्य-मानव जाती के लिए तो करुणा दिखाता ही है,लेकिन वहीं मानव, पशुओं के लिए अपना सब-कुछ न्यौछावर करने की ठान लेता है और निकल पड़ता है अपने प्रकल्पों को लेकर उन्हें पूर्ण करने के लिए ।
ऐसा ही एक कारवां शहर में है जो बेजुबान जानवरों के दुख दर्द को समझ कर उनके दाना-पानी और उनके अस्वस्थ होने पर पशु चिकित्सालय पंहुचाकर अपनी जेब से व्यय कर मरते हुए प्राणीयों की जान बचाने के लिए भरचक प्रयास कर उनके लिए अपना सबकुछ न्यौछावर करने का जज्बा रखता है। इस टीम की पहल शहर के लिए अनुकरणीय पहल है।
हां हम बात कर रहे हैं शहर के उन सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं की जिनको जुनून सवार हैं बेजुबानों की सेवा करने का,दिन रात गर्मी सर्दी बारीश में जिस स्थान पर जानवरों की हिफाजत का कोई संदेश इन तक पहुंचता है तो बस निकल पड़ते हैं अपने कार्य को अंजाम देने के लिए उसके लिए यह किसी भी प्रकार की मशक्कत करनी पड़े तो पिछे नहीं हटते बस सेवा भावना का इनका जज्बा शहर के उन लोगों के लिए सबब है जो हकालते है इन बेजुबानों को ,जो लकड़ी लेकर मारने दौड़ते हैं बेजुबानों को ,जो टांगें तोड़ने की बात करते हैं बेजुबानों की,जो जहर देकर मारने का प्रयास करते हैं बेजुबानों को … लेकिन उनके पिछे हैं शहर के उन मुस्तैद कार्यकर्ताओं का जो काफिला जो निस्वार्थ भाव से अपने कार्य को अंजाम देने का प्रयास करते हुए अपनी जेब से व्यय कर मरते हुए प्राणीयों के जीवन को बचाने का कार्य करते हैं।ऐसे में इनको कई तरह की समस्याओं से दो हाथ करना पड़ता है कभी इनकी बात पशु चिकित्सालय के डॉक्टर नहीं सुनते तो कभी धन्टो इन बेजुबानों के उपचार के लिए इंतजार करने को बेबस होना पड़ता है ।पर इनके माथे पर जरा भी शिकन नहीं होती अपने दायित्वों को पूर्ण कर ही इनको शकुन मिलता है ।
इस टीम के सदस्यों ने जिला प्रशासन से पशुओं के उपचार में चिकित्सकों,संसाधनों की उचित व्यवस्था करने पर जोर दिया तथा Abc प्रोग्राम को नगर निगम द्वारा जल्द से जल्द शुरू करने पर जोर दिया जिससे पशुपालकों और शहर के गली मोहल्लों के पशुओं की परेशानीयों को दूर किया जा सकता है।
यह टीम पशुक्रूरता के दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होने की बात कहती है।
यह है टीम के सूत्रधार
अपरा खण्डेलवाल,रजनी प्रजापत, एडवोकेट शिल्पा जोशी,देवेश गोहील,अंशुल सोलंकी