🔴 अविकसित कॉलोनी के अविकसित लोग है कृपया नेता न मांगे वोट के लगे बैनर
खबरगुरु (रतलाम) 3 जुलाई। मध्यप्रदेश में होने वाले वार्ड चुनावों के बीच कई शहरों के लोगों ने मतदान के बहिष्कार का मन बना लिया है। इसी के चलते कुछ क्षेत्रों में कार्य नहीं किए जाने के चलते लोगों ने चुनाव के बहिष्कार के बैनर लगा दिए हैं। तो वहीं कुछ क्षेत्रों में लोगों के आंदोलन करने की भी सूचनाएं सामने आ रही हैं। साथ ही कई जगह लोगों ने इसके विरुद्ध नारे तक बना लिए हैं। ऐसा ही मामला रतलाम शहर के पॉश कॉलोनी के परेशान रहवासियों से देखने को मिला है। परेशान होकर मनीष नगर, कस्तुरबा गृह निर्माण नि., सुभाष गृह निर्माण नि., तुलसी नगर के की जनता ने रोड़ नहीं तो वोट नहीं का फैसला लिया है।
अविकसित कॉलोनी के अविकसित लोग है कृपया नेता न मांगे वोट
यहां मनीष नगर, कस्तुरबा गृह निर्माण नि., सुभाष गृह निर्माण नि., तुलसी नगर के रहवासियों ने परेशान होकर रोड़ नही तो वोट नहीं के पोस्टर घरों के बाहर लगा दिए है। इतना ही नही मतदाताओं ने बैनर लगा दिया है जिसमें लिखा है अविकसीत कॉलोनी के अविकसीत लोग, कृपया कोई नेता या पार्षद वोट न मांगे। मतदाताओं ने सड़क सुविधा न मिलने पर सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की है। वार्ड न 11 एवं वार्ड न 12 की यही स्थिती देख मतादाताओं में नाराजगी है। कोई भी पार्टी हो जनता से झूठे वादे नहीं करना चाहिए। हमारी परेशानी को सुलझाने में कभी कोई नेता यहां नहीं आता। बारिश में पूरे क्षेत्र में रहवासियों का बुरा हाल हो जाता है।
स्ट्रीट लाइट, सडक, सफाई जैसे मुद्दे पर नेता वोट तो ले लेते है पर उसके बाद कभी वार्ड में नही दिखते
मनीष नगर, एमबी नगर, तुलसी नगर में कृछ जगहों पर रात होते स्ट्रीट लाइट नहीं होने से गलीयों मेंं अंधेरा हो जाता है यहां के लोगो का कहना है कि कई बार शिकायत की पर कोई सुनवाई नहीं हुई। पार्षद वोट लेने के बाद यहां झांकते भी नही है। बारिश का समय है स्ट्रीट लाइट, सडक जैसे मुद्दे पर नेता वोट तो ले लेते है पर उसके बाद कभी वार्ड में नही दिखते। परेशान होकर यहां की जनता ने रोड़ नहीं तो वोट नहीं का फैसला लिया है। पार्षद भी भाजपा का महापौर भी भाजपा का फिर भी नहीं हुए कार्य। वर्षो से सड़क बनने के आश्वासन सुन रहे है। रात को अंधेरा रहता है स्ट्रीट लाईट नहीं लगी। कुछ जगहो पर लाईट लग भी गई तो बंद होने पर महीनों तक सुनवाई नहीं होती। अभी भी स्ट्रीट लाईट बंद है। रात को कोई नेता यहां परेशानी देखने नहीं आता। शिकायत करते ही पर कोई सुनवाई नहीं होती।
बारिश में यहां से निकलना भी मुश्किल
बरसात के दिनों में कई ऐसे जीव-जंतु है, जिसका खतरा रहता है, जो बारिश के समय सड़को पर आ जाते है। ऐसे में रात को स्ट्रीट लाइट नहीं होने से कई हादसों का ड़र हमेंशा बना रहता है। ट्रेंप्रेरी रूप से लगी लाइटें भी 15 दिनों से बंद है। इसकी शिकायत कई बार कर चुके है पर कोई सुनने वाला ही नहीं है। सड़क के नाम पर कई वर्षो से नेता लोग वोट मांग कर जाते है। कई चुनाव हम देख चुके है लेकिन अब भी लोग सड़क निर्माण के इंतजार में है। बारिश में यहां से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। बारिश में न तो नालियों का पता चलता है और न सड़क है। कच्ची गली में जलभराव के कारण लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। इससे अलग सफाई व्यवस्था को लेकर भी लोग परेशान है। यहां के मतदाताओं ने बताया कि उन्हें जनप्रतिनिधियों का आश्वासन मिला परंतु किसी ने इस पर अमल नहीं किया है। सड़क निर्माण नहीं होने से बरसात के दिनों में पैदल चलना, स्कूल- कॉलेज जाने में काफी कठिनाई होती है। परेशान होकर यहां की जनता ने रोड़ नहीं तो वोट नहीं का फैसला लिया है। देखना है इस बार नेताजी किस तरह जनता को मनाते है। वर्षो पुरानी झूठे वादों की परंपरा को तोड़ पाते है या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।