खबरगुरु (रतलाम) 4 मई। जिले में कोरोना से बीमार लोग बेहद परेशान हैं। जिम्मेदारों को आइना दिखाती कई घटनाएं सामने आती जा रही है। कोरोना संकट के बीच मरीजों के लिए संसाधनों का टोटा बना हुआ है। अस्पताल तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने पर मजबूरन मा के साथ भाई को बाइक पर बैठाकर अस्पताल लाना पड़ा। दुखद बात यह है कि वह तीन अस्पताल घूम आया, लेकिन कहीं भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया। अस्पतालों में इलाज नही मिलने से वकील सुरेश डागर ने बाइक पर ही दम तोड़ दिया।
[box type=”shadow”]समय पर इलाज नहीं मिलने से हुई मौत
जानकारी के अनुसार घटना मंगलवार दोपहर की है। वकील सुरेश डागर की तबीयत खराब होने लगी। वकील सुरेश डागर को बचाने के लिए उनके भाई अनिल और मां बाइक पर मेडिकल कॉलेज लेकर गए । यहाँ भी दो घंटे तक एडमिशन के इंतजार में मरीज तड़पता रहा। जब दो घंटे इंतजार करने के बाद भी मरीज को जगह नहीं मिली तो भाई अनिल आयुष ग्राम अस्पताल लेकर गया, पर यहाँ भी कोई समाधान नही मिला। जैसे तैसे दूसरे निजी अस्पताल ले जाने का प्रयास करता रहा भाई अनिल। अस्पताल के लिए भटकते हुए राम मंदिर तिराहे पर बीमार वकील की बाइक पर ही मौत हो गई। कोरोना संदिग्ध होने की वजह से बहुत देर तक सड़क पर ही परेशान होता रहा परिवार। मौके पर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों की मदद से शव को जिला अस्पताल पहुंचाया गया।
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[box type=”shadow”]हर तरफ सरकार दावा कर रही है कि व्यवस्था में सुधार हो रहा है। अस्पतालों में बेड बढ़ाए जा रहे है। मंगलवार को 60 बेड और 70 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तो मिले पर जिसको इसकी जरूरत थी उस तक सुविधा नही पहुँच पाई। मेडिकल कॉलेज के बाहर 2 घंटे इंतजार के बाद परेशान परिवार भटकता रहा। समय रहते अगर इलाज मिल जाता तो शायद एक परिवार उजड़ने से बच जाता।[/box]
[box type=”shadow”]अभिभाषक सतीश पुरोहित ने खबरगुरू डॉट कॉम से चर्चा मे बताया कि आज दोपहर में सुरेश डागर उपचार के लिए मेडिकल कालेज गये काफी समय तक उनको उपचार नही मिला तो वह अपने परिजन के साथ काटजुनगर अस्पताल जा रहे थे। रास्ते में ही आक्सीजन लेवल कम होने से उनकी मृत्यु हो गई । यह मामला अति गंभीर है जिसकी शिकायत राज्य अधिवक्ता संघ ,जिला न्यायाधीश को की है। साथ ही अभिभाषक संघ की बैठक बुलाकर इस घटना को संज्ञान में लेना का आग्रह किया है। हर बिमार नागरीक को अस्पताल में भर्ती करना होगा, यह हर नागरिक का अधिकार है। क्या कारण है कि ऑक्सीजन का प्लांट मंदसौर में लग गया है, पर रतलाम में शुरू नहीं हो पाया। प्रशासन इस बात को संज्ञान लेते हुए मेडिकल कॉलेज क्षेत्र के पास स्थान को अधीग्रहण कर सेंटर बनाए और नागरिको को सुविधा मिलनी चाहिए।
[/box]इनका कहना हैकभी भी गंभीर मरीज को बाइक से अस्पताल नही लाना चाहिए, मरीज को एंबुलेंस से ही लाना चाहिए। हमें जानकारी नहीं थी की कोई गंभीर मरीज अस्पताल के बाहर खड़ा है।
डॉ जितेन्द्र गुप्ता, डीन – शा. मेडिकल कॉलेज रतलाम