खबरगुरु (नई दिल्ली) 28 जुलाई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश किए गए आम बजट में डीआईसीजीसी एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया है। बिल को मंजूरी मिलने के बाद बैंक के बंद होने या डूबने की स्थिति में ग्राहकों की 5 लाख रुपए तक की रकम सुरक्षित रहेगी। डिपॉजिटर्स को 90 दिन के भीतर यह रकम मिल जाएगी। पिछले साल ही वित्त मंत्री ने बीमित रकम की लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का ऐलान किया था।
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सभी खातों में जमा अमाउंट और ब्याज जोड़ा जाएगा, केवल 5 लाख तक जमा को ही सुरक्षित माना जाएगा
DICGC एक्ट, 1961 की धारा 16 (1) के प्रावधानों के तहत, अगर कोई बैंक डूब जाता है या दिवालिया हो जाता है, तो DICGC प्रत्येक जमाकर्ता को भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है। उसकी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का बीमा होगा। आपका एक ही बैंक की कई ब्रांच में खाता है तो सभी खातों में जमा अमाउंट और ब्याज जोड़ा जाएगा और केवल 5 लाख तक जमा को ही सुरक्षित माना जाएगा। इसमें मूलधन और ब्याज (Principal and Interest) दोनों को शामिल किया जाता है। मतलब साफ है कि अगर दोनों जोड़कर 5 लाख से ज्यादा है तो सिर्फ 5 लाख ही सुरक्षित माना जाएगा।