25 दिसंबर को पूरी दुनिया क्रिसमस डे के तौर पर मनाती है. उससे एक दिन पहले 24 दिसंबर यानि रविवार शाम से क्रिसमस का जश्न शुरू हो गया है
यह पर्व प्रभु यीशु के जन्म उत्सव के रूप में 25 से 31 दिसंबर तक मनाया जाता है, जो 24 दिसंबर की आधी रात से ही शुरु हो जाता है. 24 दिसंबर की रात से ही नवयुवकों की टोली जिन्हें कैरल्स कहा जाता है, यीशु मसीह के जन्म से संबंधित गीतों को प्रत्येक मसीही के घर में जाकर गाते हैं. इसी रात को गिरिजाघरों में प्रभु यीशु के जन्म से संबंधित झांकियां भी सजाई जाती है. 25 दिसंबर की सुबह गिरजाघरों में विशेष आराधना होती है, जिसे क्रिसमस सर्विस कहा जाता है. इस आराधना में ईसाई धर्मगुरु यीशु के जीवन से संबंधित प्रवचन कहते हैं.