⚫ पार्टी के बड़े नेता के आने की खुशी कम और खर्चो का टेंशन ज्यादा
खबरगुरु (रतलाम) 22 अप्रैल। देश प्रदेश और जिले में अपनी पहचान गवाने वाली कांग्रेस अपने ही जनप्रतिनिधियों को उपेक्षित कर रही है उन्हें संभाल नहीं पा रही है। कांग्रेस की स्थिती भी पानी में डूबते जहाज जैसी हो चली है। ऐसा लगता है मानो कार्यकर्ता डूबते जहाज को देख किनारा करने मे लगे है। रतलाम शहर की दो सक्रिय नेत्रियों ने अपनी उपेक्षा के चलते पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। शुरुआत में पूर्व पार्षद कांग्रेस की तेजतर्रार नेत्री अदिति दवेसर ने प्रदेश अध्यक्ष को इस्तीफा भेज दिया। पूर्व मुख्यमंत्री के आने के 1 दिन पहले पूर्व पार्षद बबीता नागर ने भी अपना इस्तीफा भेज दिया।

दूसरी ओर पार्टी के बड़े नेता के आने की खुशी शहर के बडे पदाधिकारियों में नहीं दिखी पर बड़े नेता के आने पर खर्चे का टेंशन भी साफ नजर आया। कांग्रेस पार्टी के शहर के बड़े पदाधिकारी खर्चे के बारे में सोचने लगे है। कांग्रेस की सरकार को बचाने में नाकाम रहे पूर्व मुख्यमंत्री के रतलाम आने की सुगबुगाहट हुई तो आनन-फानन में जगह-जगह होर्डिंग लगा दिए। कांग्रेस के नेता अब अपनी साख बचाने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। होर्डिंग लगाकर बड़े नेता तो खुश हो सकते है पर जनता और कार्यकर्ताओ में शहर कांग्रेस अपना विश्वास बना पाएगी?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ कल 22 अप्रेल को रतलाम आ रहे हैं। वे विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों का शंखनाद करेंगे। देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, बिजली किसानों की समस्याओं सहित अन्य मामलों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ आम्बेडकर मैदान में सुबह 11 बजे जनसभा करेंगे।
कांग्रेस अपने ही जनप्रतिनिधियों को उपेक्षित कर रही है उन्हें संभाल नहीं पा रही है और महंगाई के चूल्हे पर जनता को झोंक अपनी रोटियां सेकने की शुरुआत प्रदेश कांग्रेस के मुखिया कमलनाथ करेंगे जोकि अपनी ही सरकार को बचाने में नाकाम रहे हैं। रतलाम आ कर चुनावी शंखनाद करने का प्रयास करेंगे। पर सवाल ये उठता है कि क्या कमलनाथ कांग्रेस की इस डूबती नाव को बचा पायेंगे?