🔴 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के कार्यक्रम में हुआ प्लास्टिक की कटोरी और चम्मच का उपयोग
हिमांशु जोशी
खबरगुरु (रतलाम) 6 जुलाई। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा बुधवार को रतलाम पहुंचे। यहां पर उनके द्वारा महापौर प्रत्याशी प्रहलाद पटेल के संकल्प पत्र का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में पीएम, सीएम के आदेश की अवहेलना होती दिखी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 4 साल पहले सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने की शपथ ली थी। अब Single Use Plastic के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया है। 6 जुलाई को रतलाम में भाजपा के कार्यक्रम में पीएम और सीएम के आदेश का पालन होता हुआ नहीं दिखा। यहां प्लास्टिक डिस्पोजेबल का उपयोग हो रहा था। गौर करने वाली बात यह है कि इस कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, विधायक, पूर्व महापौर एवं वर्तमान महापौर प्रत्याशी भी मौजूद थे। इतनो की मौजूदगी के बाद भी किसी को केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा बेन किए गए प्लास्टिक डिस्पोजेबल नजर नहीं आए। जिम्मेदार भी किसी कार्रवाई से बचते नजर आए।
एक जुलाई से प्लास्टिक और थर्माकोल के बने वस्तु पर केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है बावजूद कई कार्यक्रमों में इसका उपयोग हो रहा है। ऐसा ही मामला रतलाम में भाजपा के महापौर प्रत्याशी के संकल्प पत्र विमोचन कार्यक्रम में देखने को मिला है। यहा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में कार्यक्रम हुआ है। कार्यक्रम के बाद नाश्तें के लिए प्लास्टिक की कटोरी और चम्मच का उपयोग हुआ है। जबकि 1 जुलाई से प्लास्टिक और थर्माकोल से बने ग्लास, थाली, कटोरी, प्लेट आदि सामान के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर सरकार ने रोक लगा दी है। कार्यक्रम में शहर विधायक चेतन काश्यप, पूर्व महापौर, महापौर प्रत्याशी मौजूद रहे। जब जिम्मेदार ही ऐसी गलतियां करेंगे तो आम जनता तक क्या संदेश जाएगा? यदि यहीं गलती आम जनता द्वारा होती तो प्रशासन के जुर्माने का चाबुक भी चलता और आर्थिक दंड भी लगाया जाता । पर जिन्हें कार्रवाई करना है वह मूकदर्शक बने देखते रहते है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री द्वारा निकाले गए आदेश की अवहेलना हो रही है। कार्यक्रम में हुआ डिस्पोजेबल का उपयोग
प्रतिबंधित उत्पादों का इस्तेमाल करने पर 500 से दो हजार रुपये का जुर्माना
एक जुलाई से आम लोगों पर प्रतिबंधित उत्पादों का इस्तेमाल करने पर 500 से दो हजार रुपये का जुर्माना होगा। वहीं औद्योगिक स्तर पर इसका उत्पाद, आयात, भंडारण और बिक्री करने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंड का प्रावधान होगा। ऐसे लोगों पर 20 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर पांच साल की जेल या दोनों सजा भी दी जा सकती है।
खबर में जानकारी के लिए कलेक्टर एवं नगर निगम आयुक्त को फोन लगाया गया परंतु फोन पर संपर्क नहीं हो पाया।
[box type=”shadow” ]मैं कार्यक्रम के बाद वहां से निकल गया था। मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो उसे आगे से रूकवाएंगे।
शहर विधायक चेतन्य काश्यप
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