डॉ हिमांशु जोशी
खबरगुरु (रतलाम) 20 फरवरी। दुर्लभ व संरक्षित श्रेणी के वन्य प्राणियों के अंगों के अवैध कारोबार की शंका पर वाइल्डलाइफ इंडिया (Wildlife India) तथा वन विभाग की टीम ने शहर के दो कारोबारियों के यहां छापा मारा। दिल्ली से आए वाइल्डलाइफ इंडिया के सदस्य दीपक कुमार द्वारा रतलाम में वन विभाग की टीम और पुलिस के साथ शनिवार को छापेमारी कर दो युवकों के पास उल्लू व शेर के नाखून सहित कई संरक्षित वन्यजीवों के अंग बरामद किए गए हैं। पुलिस और वन विभाग के सहयोग से की गई इस कार्रवाई में आरोपी के यहां से भारी मात्रा में संरक्षित वन्यजीवों के अंग सहित अन्य सामग्री जब्त की गई है। मामले में दो व्यापारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। कार्रवाई में जिला पुलिस की विशेष भूमिका रही। हिरासत में लिए गए एक व्यापारी को छुड़ाने को लेकर देर रात तक कतिपय राजनेता सक्रिय नजर आए। आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।
सूचना के आधार पर पुलिस और वन विभाग की सहायता से उक्त दुकान पर छापा मारा। बताया जाता है कि मौके पर शेर व उल्लू के नाखून सहित कई संरक्षित वन्यजीवों (Wildlife) के अंग बरामद किए गए हैं। दुकान से बरामद प्रतिबंधित सामग्री को टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है।
सूचना मिलते ही कार्ययोजना बनाई और की गई संयुक्त रूप से कार्रवाई
वन मंडालिधिकारी डी.एस. डोडवे ने खबरगुरु को बताया की सूचना मिली थी शहर के कुछ व्यापारी संरक्षित और दुर्लभ वन्य प्राणियों के अंगों के अवैध कारोबार में लिप्त है। सूचना मिलते ही कार्ययोजना बनाई गई और सहयोग के लिए एसपी गौरव तिवारी से अऩुरोध किया गया। इसके बाद संयुक्त रूप से मिर्ची गली माणक चौक के हकीमुद्दीन-गुलामअली तथा चौमुखीपुल के पास राजेश पटवा की शॉप पर धावा बोला। यहां तलाशी के दौरान बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित सामग्र जब्त हुई जिसमें वन्य प्राणियों के अंग-प्रत्यंग शामिल हैं। कार्रवाई दोपहर करीब दो बजे शुरू हुई थी जो शाम तक चली। फिलहाल दोनों शॉप सील कर दी गई हैं और फर्म संचालकों हकीमुद्दीन तथा राजेश पटवा को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
अनुसूची-1 एवं 2 में शामिल अवशेष काफी दुर्लभ होते हैं
श्री डोडवे ने बताया जब्त किए गए अंग-प्रत्यंग और अवशेष में ज्यादातर अनुसूची-1 एवं 2 में शामिल होकर काफी दुर्लभ हैं। इऩके मूल्य का आकलन करना मुश्किल है। ये अनमोल हैं। इनके उपयोग को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है। पूछताछ के दौरान व्यापारियों से पता किया जाएगा कि उनके द्वारा जब्त अवशेषों और अंगों की खरीदी कहां से की गई है और इस अवैध कारोबार में कौन-कौन लिप्त है।
एक व्यापारी को मीडिया के सामने लाने से वन विभाग का अमला करता रहा परहेज
वर्षों से हो रहा अवैध कारोबार, एक व्यापारी को छुड़वाने के लिए घनघनाते रहे अफसरों के फोन सूत्रों की मानें तो संरक्षित वन्य जीवों के अंगों और अवशेषों का कारोबार शहर में लंबे समय से हो रहा है लेकिन इस ओर कभी भी जिम्मेदारों ध्यान नहीं गया। बताया जाता है कि जब इसकी भनक वाइल्डलाइफ इंडिया दिल्ली को लगी तो वहां शाखा के सदस्य दीपक कुमार रतलाम आ धमके। इसके बाद वन विभाग का अमला हरकत में आया और छापे की रणनीति बनी। हिरासत में लिए गए एक व्यापारी को छुड़वाने को लेकर देर रात तक वन मंडलाधिकारी सहित अन्य अफसरों के फोन घनघनाते रहे। एक पूर्व जनप्रतिनिधि तो वन विभाग भी पहुंच गए थे और उन्होंने वहीं से मोबाइल पर किसी से बात की। उनका कहना था कि उक्त व्यापारी ऐसे अवैध कारोबार में लिप्त नहीं हो सकता। बताया जा रहा है कि इसी दबाव के चलते एक व्यापारी को मीडिया के सामने लाने से वन विभाग का अमला परहेज करता रहा।
कार्रवाई में इनका रहा साथ
डीएफओ डोडवे ने बताया कि कार्रवाई एसपी तिवारी के सहयोग से आसान हो सकी। कार्रवाई में पुलिस विभाग के सब इंस्पेक्टर अनुराग यादव सहित अन्य पुलिसकर्मियों के अलावा वन विभाग के एसडीओ रामचंद्र गहलोत, डिप्टी रेंजर तनवीर खान, राधेश्याम जोशी, फॉरेस्ट गार्ड बेनेडिक एंथोनी, वनपाल भंवरलाल मईड़ा सहित अन्य की सराहनीय भूमिका रही।
व्यापारियों के यहां से जब्त हुए वन्य जीवों के अंग
राजेश पटवा (पटवा जी की दुकान) |
हत्था जोड़ी – 19 नग (अनुसूची-1) |
बारह सिंगा के सींग – 24 टुकड़े (अनुसूची- ) |
मोलस – वजन करना बाकी (अनुसूची-1,पार्ट 4बी) |
फायर फीटल – वजन करना बाकी (अनुसूची-1) |
कुट – वजन करना बाकी (अनुसूची-6) |
हकीमुद्दीन-गुलामअली, मिर्ची गली |
बारह सिंघे का सींग – 01 नग टुकड़ा (अनुसूची-1) |
इंदर जाल – 04 नग (अनुसूची-1)(सी-जेम) |
सियार सींगी – 07 नग (अनुसूची-2) |
शेर के नाखून – 02 नग (अनुसूची-1) |
उल्लू का नाखून – 02 नग (अनुसूची-1) |
हत्था जोड़ी – 05 नग (अनुसूची-1) |
जगली बिल्ली पित्त – 01 नग (अनुसूची-2) |
जानकारी देते वन मंडालिधिकारी डी. एस. डोडवे