खबरगुरु (रतलाम) 24 फरवरी। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाया जाना है। इस क्रम में रतलाम जिले में भी टीबी हारेगा, देश जीतेगा कार्यक्रम को जनआंदोलन का रूप देकर प्रभावी क्रियान्वयन किया जाएगा।
औद्यौगिक ईकाईयों और फेक्टरियों में विशेष स्क्रीनिंग केंप आयोजित किए जाऐंगे
सीएमएचओ डॉ. ननावरे ने बताया कि कार्ययोजना के संबंध में राज्य स्तर से विस्तृत दिशा निर्देश प्राप्त हुए है जिसके अनुसार फरवरी से दिसंबर 2021 तक गतिविधियॉ आयोजित की जाना है। क्षय रोग कार्यक्रम की जानकारी जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में बैठक के दौरान दी जाएगी। जिला क्षय अधिकारी डॉ. योगेश नीखरा ने बताया कि जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर पदस्थ सीएचओ का उन्मुखीकरण किया जाएगा। प्रशिक्षित सीएचओ सामुदायिकजन को टीबी के चिन्ह, लक्षण, उपचार, सहयोग, देखभाल, पोषण, सेवाऐं, संक्रमण के नियंत्रण आदि की विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। औद्यौगिक ईकाईयों और फेक्टरियों में विशेष स्क्रीनिंग केंप आयोजित किए जाऐंगे।
आंगनवाडी केन्द्रों के माध्यम से स्वसहायता समूह की महिलाओं को टीबी रोग के बारे में जागरूक किया जाएगा
गर्भवती महिलाओं में टी बी की जॉच और उपचार कार्य प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अंतर्गत प्रतिमाह 9 तारीख को लगने वाले शिविरों के दौरान की जाएगी। आंगनवाडी केन्द्रों के माध्यम से स्वसहायता समूह की महिलाओं को टीबी रोग के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस दौरान किशोरी बालिकाओं के लिए विशेष स्क्रीनिंग केंपों का आयोजन किया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से पंचायत प्रतिनिधियों को निक्षय ग्रामसभा आयोजित कर जनजागृति के लिए तैयार किया जाएगा।
कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग करके नये मरीजों की खोज की जाएगी
टीबी मारीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग करके नये मरीजों की खोज की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस पर टीबी के मरीजों के लिए पोषण संबंधी सलाह दी जाएगी। बच्चो और युवाओं में टीबी की जागरूकता के लिए रेड रिबन क्लब के माध्यम से गतिविधियॉ की जाएँगी। स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों से टीबी रोग पर आधारित प्रोजेक्ट एवं असाईनमेंट तैयार कराए जाएंगे। जिन क्षेत्रों में टीबी के केस अधिक संख्या में पाए जाऐंगे, ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर शिविरों का आयोजन कर नये मरीज खोजे जाऐंगे। समुदाय में टी बी रोग के संबंध में प्रचलित मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए संकल्प कराया जाएगा।