नई दिल्ली (खबर गुरू) 26 फरवरी 2017 : लीबिया में एक डॉक्टर समेत 6 भारतीयों को आईएसआईएस ने बंधक बनाया था। उन सभी को पिछले दिनों भारत ने छुड़ा लिया। इनमें एक डॉक्टर डॉ. राममूर्ति कोसानम ने भारत पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि आईएसआईएस के आतंकियों ने मुझे 3 बार गोली मारी। मुझे काफी भला-बुरा भी कहा। जितने भी युवा आतंकी हैं वे सभी काफी पढ़े-लिखे हैं और भारत के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। बता दें कि राममूर्ति को आतंकियों ने 18 महीने तक बंधक बनाए रखा था।
डॉ ने बताया कि पिछले साल रमजान के दौरान आईएसआईएस आतंकियों ने मुझसे कॉन्टैक्ट किया। उन्हें अपने हॉस्पिटल्स के लिए डॉक्टर्स की जरूरत थी। लेकिन मैंने उम्र का हवाला देकर मना कर दिया। डॉ. कोसानम के मुताबिक, “मैंने उन्हें कहा कि मैं दवाओं से इलाज करना जानता हूं, सर्जन नहीं हूं। इसके बावजूद उन्होंने मुझे सिर्ते के हॉस्पिटल में भेज दिया।”
डॉ ने बताया कि उन्हें आतंकी सिरते की सेंट्रल जेल में ले गए थे, जहां दो भारतीय और बंद थे, उन्हें वो जबरदस्ती वीडियो दिखाते थे, जो कि सीरिया, नाईजीरिया जैसे देशों का था, जहां आईएसआईएस ने उत्पात मचा रखा है, वो बेहद ही डरावने वीडियो थे। वे सोचते थे कि मैं एक डॉक्टर हूं और एक न एक दिन उनके काम आ जाऊंगा। इसलिए उन्होंने मुझे जिंदा रखा। शायद इसलिए मैं बच भी गया।
आतंकी संगठन से छुटने के बाद राममूर्ति ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एनएसए और अन्य अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया है और कहा इसे मैं कभी नहीं भूल सकता हूं।
वे आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले के रहने वाले हैं। जानकारी के अनुसार डॉ. कोसानम लीबिया के सिर्ते के एक हॉस्पिटल में फिजिशियन थे। आईएस के एक ग्रुप ने इंजीनियर सामल प्रवाश रंजन समेत नौ लोगों को 8 सितंबर, 2015 को उनके घर से अगवा कर लिया था। तभी से भारतीय अफसर इन सभी को छुड़ाने की कोशिश कर रहे थे। डॉ. कोसानम लीबिया में 1999 से रह रहे थे।