खबरगुरु (भोपाल/रतलाम) 20 सितंबर। मध्य प्रदेश सरकार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जनकल्याण और सुराज के 20 वर्ष पूरे होने पर आत्म-निर्भर भारत के संकल्प पूर्ति की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा रही है। इसी श्रृंखला में प्रदेश के 32 जिलों के 103 नवनिर्मित आंगनवाड़ी केंद्रों और 52 जिलों की 10 हजार पोषण वाटिकाओं का वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से लोकार्पण किया जाएगा।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 21 सितंबर को खण्डवा जिले में आयोजित कार्यक्रम में 22 जिलों के 10 हजार गंभीर कुपोषण से सामान्य पोषण स्तर में आये बच्चों की माताओं को पोषण अधिकार सूचना पत्र भी प्रदान करेंगे।
[box type=”shadow” ]उद्देश्य है “जो लगायें वही खायें-जो खायें वही लगायें”
वर्तमान परिस्थितियों में ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में सब्जियों और फलों की उपलब्धता विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिये चुनौती है। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि ऐसी परिस्थितियों में शासकीय संस्थाओं और आवश्यकता वाले परिवारों के स्तर पर आसानी से उगाये जा सकने वाले फल एवं सब्जियों को लगाते हुए पोषण वाटिका स्थापित की जाये। भारत सरकार द्वारा पोषण अभियान के अंतर्गत प्रदेश में स्थानीय परिवारों, समुदाय, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं अन्य शासकीय भवनों में पोषण वाटिका “न्यूट्री गार्डन” का निर्माण कर स्थानीय स्तर पर विविधता को बढ़ावा दिये जाने के निर्देश हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य “जो लगायें वही खायें-जो खायें वही लगायें” है। इसके तहत प्रदेश में शासकीय भवनों एवं किराये के भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में लगभग 42 हजार पोषण वाटिकाओं का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के घर तथा गाँव के अन्य स्थानों में 21 हजार पोषण वाटिका तैयार की गई हैं। पूरे प्रदेश में आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से कुल 63 हजार पोषण वाटिकाएँ निर्मित की गईं हैं। पोषण माह (हर वर्ष सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है।) के आयोजन के प्रथम सप्ताह में 10 हजार से ज्यादा पोषण वाटिका का निर्माण और 3 लाख से अधिक पौध-रोपण किया गया। भारत सरकार के कृषि उद्यानिकी मंत्रालय द्वारा पोस्ट ऑफिस के माध्यम से 66 आंगनबाड़ी केन्द्रों को सीड किट उपलब्ध कराये गये हैं।
[/box]कुपोषण से सुपोषण की ओर
जनकल्याण एवं सुराज के 20 वर्ष कार्यक्रम में प्रदेश के 10 हजार बच्चों की माताओं को पोषण सूचना-पत्र प्रदान किया जायेगा। यह बच्चे अधिक गंभीर कुपोषण की श्रेणी से सामान्य पोषण स्तर में परिवर्तित हुए हैं। प्रदेश में गंभीर कुपोषित बच्चों के संस्थागत एवं समुदाय आधारित उपचार एवं पोषण प्रबंधन के लिये सितंबर 2020 से मध्यम एवं अति गंभीर कुपोषित बच्चों के लिये समेकित पोषण प्रबंधन कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है।