पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही इस बढ़ोतरी का केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया है उसने एक बार फिर राज्य सरकारों से अपील की है कि वे वैट और सेल्स टैक्स में कटौती करें, ताकि आम आदमी को बढ़ती कीमतों से राहत मिल सके. कई राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट और सेल्स टैक्स में कटौती कर दी है. उन्होंने उन राज्यों से भी वैट घटाने की अपील की है,
पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर उन्होंने कहा कि जैसे ही सभी राज्यों के बीच सहमति बन जाएगी, इसे जीएसटी के तहत ला दिया जाएगा. जीएसटी के तहत आपको एक लीटर पेट्रोल के लिए 45 रुपये के करीब चुकाने पड़ सकते हैं. ये स्थिति तब होगी, जब सरकार पेट्रोल पर 28 फीसदी टैक्स लगाएगी.
जताई जा रही है कि नये साल में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है. वित्त मंत्री अरुण जेटली भी इस तरफ संकेत दे चुके हैं.