खबरगुरू (नई दिल्ली) 22 जनवरी। लंबे बरसे के बाद आखिरकार अयोध्या में रामलला विराजमान हो गए हैं। शुभ मुहूर्त में प्रधानमंत्री मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर परिसर में उपस्थित लोगों को संबोधित किया। भाषण की शुरुआत उन्होंने सियावर रामचंद्र की जय के जयकारे के साथ की।
प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की आंखों से हटाई पट्टी
शुभ मुहूर्त में सभी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होने के बाद पीएम मोदी ने राम लला की पूजा अर्चना की। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की आंखों से पट्टी हटाई। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर परिसर में उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं। सदियों का अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु राम आ गए हैं। इस शुभ घड़ी की आप सभी को, समस्त देशवासियों को बधाई।
कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि दैवीय आशीर्वाद और दिव्य आत्माओं की वजह से यह कार्य पूरा हुआ है। मैं इन सभी दिव्य चेतनाओं को भी नमन करता हूं। मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। यह मंदिर मात्र एक दैव मंदिर नहीं है, यह भारत की दृष्टि का, दर्शन का, दिग्दर्शन का मंदिर है। यह राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था हैं, भारत के आधार हैं। राम भारत का विचार है, विधान हैं। चेतना है, चिंतन हैं। प्रतिष्ठा हैं, प्रताप हैं। राम नेकी भी है, नीति भी है।
इसके बाद यहीं मोदी ने 11 दिन का विशेष अनुष्ठान व्रत खोला। पीएम मोदी को निर्मोही अखाड़ा के स्वामी गोविंद गिरि महाराज ने चम्मच से जल पिलाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने वाले अलग-अलग कंपनियों के मजदूरों पर फूलों की वर्षा की। इन्होंने दिन रात मेहनत कर तय समय पर मंदिर का निर्माण किया।