पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए 29 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के बाद किरकिरी झेल रही मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के पीएनबी को 12,600 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की चपत लगाने के बाद जांच एजेंसियां तेजी से कार्रवाई कर रही हैं. वित्त मंत्रालय के नए नियमों के मुताबिक, अब 50 करोड़ से अधिक के नए कर्ज पर ग्राहकों को पासपोर्ट का ब्यौरा देना होगा. इसके पीछे वित्त मंत्रालय का मानना है कि इससे फ्रॉड किए जाने की स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सकेगी.
हाल ही में पीएनबी को अरबों का चूना लगाने के बाद हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चोकसी फरार हो चुके हैं. दोनों पीएनबी घोटाले में जनवरी में सीबीआई में केस दर्ज होने के ठीक बाद भारत छोड़कर फरार हो गये थे. जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और उसके करीबियों का पासपोर्ट रद्द कर दिया है. सभी आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर (आईटी) विभाग और सीबीआई जांच कर रही है. देशभर में छापेमारी कर करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की गई है.
आपको बता दें कि पिछले दिनों पीएनबी का 12,600 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने के बाद सरकार सख्त कदम उठा रही है. पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर ईडी और सीबीआई की सख्ती बढ़ती जा रही है. इससे पहले मेहुल चोकसी ने सीबाआई को भेजे एक पत्र में अपने खराब स्वस्थ्य और पासपोर्ट रद्द होने के कारण भारत लौटने में असमर्थता जताई है. पीएनबी घोटाला 29 हजार करोड़ रुपये का है और इसमें से 9 हजार करोड़ मनमोहन सरकार के समय फर्जीवाड़ा के बक्से में गया जबकि 20 हजार करोड़ मोदी सरकार के समय आम जनता के हिस्से से गया है.