राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पद से हटने के बाद अब उन्हें सरकारी आवास नहीं मिलेंगे. एमीकस क्यूरी गोपाल सुब्रम्णयम ने कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें उन्होंने किसी भी आम इंसान के सरकारी संपति का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई है. एक जनहित याचिका दाखिल होने पर इस संबंध में जांच करने के बाद बतौर एमीकस सुब्रह्मणयम ने अपनी रिपोर्ट तैयार की.
सुप्रीम कोर्ट ने 23 अगस्त को सुब्रम्णयम की एमीकस क्यूरी के रूप में नियुक्ति यह सुझाव देने के लिए किया था कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास मिलने चाहिए या नहीं. इस संबंध में कोर्ट में एक जनहित याचिक दाखिल की गई थी.
सुब्रम्णयम ने कहा, “एक बार पद (राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आदि) छोड़ने के बाद सरकारी ऑफिस की तरह इसे छोड़ देना चाहिए. पद छोड़ने के बाद वह आम भारतीय नागरिक की तरह हो जाता है, उन्हें अन्य आम नागरिकों से ज्यादा सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए.”
हालांकि उन्होंने साफ किया कि पद से हटने के बाद के प्रोटोकॉल, पेंशन और रिटायरमेंट के बाद मिलनी वाली अन्य सुविधाएं यथावत रहे. उन्होंने कहा, “किसी आम आदमी को सरकारी संपति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए.”