खबरगुरू (इंदौर) 30 दिसंबर। मध्यप्रदेश के पूर्व डिप्टी कलेक्टर हुकूमचंद सोनी को भ्रष्टाचार के मामले में विशेष न्यायालय ने सजा सुनाई है। न्यायालय ने हुकुमचंद के साथ उनकी पत्नी, बेटियों और समधन की 1.28 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति राजसात करने का आदेश दिए हैं। न्यायालय द्वारा विशेष रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार समाज व परिवार के लिए खतरनाक है तथा भ्रष्ट आचरण प्रभावित व्यक्ति के जीवन पर्यंत एवं मृत्यु उपरांत भी उसके कार्यो से दिखाई देता है ऐसा कृत्य निंदनीय होकर उदारता के योग्य नही होता है। लोकायुक्त ने 2011 में उनके खिलाफ केस दर्ज किया था।
इंदौर के विशेष न्यायालय में न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व डिप्टी कलेक्टर स्व. हुकूमचंद पिता केसरीमल सोनी को सजा सुनाई है। सजा में हुकूमचंद के साथ उनकी पत्नी, बेटियों और समधन की 1.28 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति राजसात करने का आदेश दिए हैं। जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि अभियोजन का मामला इस प्रकार है कि लोकायुक्त संगठन उज्जैन की ओर से अनावेदक के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया जो कि विचारणीय है एवं अनावेदक द्वारा अर्जित असमानुपातिक संपत्ति 1 करोड 77 लाख 55 हजार 751 रूपये मध्यपप्रदेश शासन के पक्ष मे अधिहरण किये जाने हेतु एक आवेदन पत्र धारा 13(1) मध्यनप्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम 2011 के तहत प्रस्तु्त किया गया. लोकायुक्त कार्यालय मुख्यालय भोपाल को हुकुमचंद सोनी के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई जिसे दिनांक 27/06/2011 को विशेष पुलिस स्थारपना लोकायुक्ता उज्जैन को प्राप्त हुई ।डीएसपी ओ.पी. सागोरिया द्वारा शिकायत का गोपनीय सत्यापन कराए जाने पर सही पाई गई । प्रभावित अनावेदक व्यक्ति क्रं 1 हुकुमचंद द्वारा अपने अधिकारो का अवैध लाभ अर्जित कर स्वयं की पत्नी एवं पुत्रियों के नाम पर मकान, प्लाट, वाहन आदि खरीदकर लगातार भ्रष्टारचार करना तथा आय के ज्ञात स्त्रो तो से अधिक संपत्ति एकत्र करना सही पाया गया।