खबरगुरु (रतलाम) 20 सितंबर। स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण को लेकर अभियान चला रहा रहा है। लेकिन इस अभियान की पोल तब खुली जब मृत महिला को टीका लग जाने का मैसेज मोबाइल पर आया। यह सिस्टम की विफलता या फिर स्टाफ की गलती जांच का विषय है? लोगों को वैक्सीन लगी नहीं, लेकिन उनके मोबाइल पर मैसेज आ गया, ‘यू हैव सक्सेसफुली बीन वैक्सीनेटेड’। वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी अपलोड हो गया। सरकार द्वारा जारी डाटा भी सवालों के घेरे में हो गया है।
मामला रतलाम के पी एंड टी कॉलोनी निवासी श्रीमती प्रकाश दिक्षित का है। जिन्होने पहला डोज (कोविशील्ड वैक्सीन) 4 मार्च मे लगवाया था। उसके बाद कोरोना के इलाज के दौरान उनकी मृत्यु 17 अप्रेल को हो गई थी। पहले तो अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते श्रीमती प्रकाश दिक्षित की कोरोना से मृत्यु हो गई। जिसके लिए जांच में भी प्रशासन को 5 माह लग गए। जांच का परिणाम तो नहीं मिला परंतु दिवंगत होने के 5 माह बाद वेक्सीन का दूसरा डोज जरूर लगा दिया। प्रशासन के टीकाकरण अभियान का हाल यह है कि 100 प्रतिशत टीकाकरण दिखाने के लिए दिवंगत हुए लोगो का टीकाकरण में भी कसर नहीं छोडी। महिला के निधन के 5 माह बाद मोबाईल पर दूसरे डोज लगने का मैसेज आ गया। और सर्टिफिकेट भी जारी हो गया। सर्टिफिकेट में सीवीसी कम्युनिटी हॉल अल्कापुरी रतलाम में 20 सितंबर शाम 7 बजे वैक्सीन लगने की जानकारी बताई गई है। प्रकाश दिक्षित के पति राजकुमार दिक्षित को 4 मार्च को पहला डोज लग चुका है पर उसमें आज दिनांक तक प्रशासन सर्टिफिकेट जारी नही कर पाया।