खबरगुरु (रतलाम) 5 मई। रतलाम का शासकीय मेडिकल कॉलेज एक बार फिर विवादो में रहा। अभ्यर्थिंयो के अनुसार उन्हे नर्सिंग स्टाफ की भर्ती को लेकर मेडिकल कॉलेज से फोन कर बुलवाया और अब नए नियम बताकर अयोग्य घोषित कर दिया गया। हालांकि कॉलेज प्रशासन का कहना है कि अभ्यर्थिंयो ने ऑनलाइन फॉर्म भरते समय ध्यान नहीं दिया। मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ उम्मीदवारों ने जमकर नारेबाजी की।
मामला नर्सिंग स्टाफ की सीधी भर्ती को लेकर है। मेडिकल कॉलेज रतलाम द्वारा नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। स्टाफ भर्ती के लिए मेरिट लिस्ट के आधार पर उम्मीदवारों को उम्मीदवारो को फोन कर 5 मई को सभी आवश्यक दस्तावेज के साथ मेडिकल कॉलेज रतलाम बुलवाया गया था। दिल्ली, भोपाल, खण्डवा, अनुपपुर नगर, जबलपुर आदि स्थानो से उम्मीदवार बुधवार सुबह से ही मेडिकल कॉलेज पहुचे थे। उम्मीदवारो का आरोप है कि सभी को यहां बुलाकर नए नियम बताए गए, जबकि आवेदन के लिए दिए गए विज्ञापन में ऐसे कोई नियम नही थे। उम्मीदवारो का कहना है कि जब हम योग्य नहीं थे तो क्यो हमें फोन कर यहां बुलवाया गया। महिलाए छोटे-छोटे बच्चो के साथ दूर-दूर से आई है। सुबह से मेडिकल कॉलेज में खडें है पर यहां कोई बात तक करने वाला नहीं है। मेडिकल प्रशासन की इस प्रकार की हरकत से उम्मीदवारो में खासा आक्रोश है। यहां पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई।
उल्लेखनीय है कि शासकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी), रतलाम ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर महिला नर्स स्टाफ के पदों पर आवेदन आमंत्रित किए थे। इसके लिए अधिसूचना भी जारी की गई थी।
[box type=”shadow” ]
उम्मीदवारों परेशान होते रहे पर कोई जिम्मेदार जवाब देने के लिए नही है
उम्मीदवार 400 किलोमीटर दूर से यहा उम्मीद से आये थे। जब उनसे बात की गई तो उन्होने बताया कि कॉलेज प्रशासन कि ओर से भर्ती के लिए विज्ञापन दिया था उसमें शासकीय कॉलेज से डिग्री का कोई नियम नहीं बताया गया था। अभ्यर्थियों ने बताया कि हमें फोन करके दस्तावेज लेकर यहां बुलाया गया। जिस नम्बर से फोन आया था आज उस नम्बर पर बात नहीं हो पा रही है। कोई जिम्मेदार जवाब देने के लिए नही है। कुछ उम्मीदवार महिलाए अपने साथ छोटे बच्चो को लेकर आई थी तो कुछ अपने 1 साल के बच्चे को घर में छोड कर नौकरी की तलाश में आई थी। बातचीत में सभी ने बताया की आज यहां पर शासकीय कॉलेज से डिग्री वालो को ही अवसर दिया जाएगा। उम्मीदवारो ने बताया कि यदि ऐसा ही था तो हमसे 1 हजार रूपये जमा क्यों करवाए गए ? क्यों हमें आज यहां बुलवाया गया ? पर मेडिकल कॉलेज में इनके सवालो के जवाब देने वाला कोई जिम्मेदार अधिकारी नही मिला।
[/box]
अभ्यर्थियों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज द्वारा उन्हे शपथपत्र दिया गया है जिसमें शासकीय कॉलेज से उत्तीर्ण करने को लिखा हैं। जब हम शासकीय कॉलेज से उत्तीर्ण नही हुए तो कैसे ये शपथ पत्र दे। उम्मीदवार को दिए गए ये शपथ पत्र
मेडिकल कॉलेज के लिए 400 से ज्यादा महिला स्टाफ नर्स की आवश्यकता है। 10 से 14 महिला स्टाफ नर्स डेपुटेशन में आ चुकी है। शेष 390 की नियुक्ति की जाना है। जिसमें 81 महिला स्टाफ नर्स संविदा से प्राप्त होगी। जिनकी परीक्षा 29 मई को होगी। 132 शासकीय नर्सिंग कॉलेज से उत्तीर्ण हो को लिया जाना है, शेष रिक्तियों में प्रायवेट कॉलेज से उत्तीर्ण अभ्यर्थियो को रखा जा सकेगा। एमपीऑनलाइन के माध्यम से आवेदन लिए गए है। शासकीय नर्सिंग कॉलेज से उत्तीर्ण की लिस्ट एमपीऑनलाईन से मांगी गई थी, यह लिस्ट हमें एमपीऑनलाईन से प्राप्त हुई है। हो सकता है कि फार्म भरते समय अभ्यर्थियों ने एमपी ऑनलाईन पर शासकीय कॉलेज से उत्तीर्ण चेकबॉक्स पर चेक कर दिया हो। जिसके कारण यह समस्या बनी है।
डॉ जितेन्द्र गुप्ता – डीन, शासकीय मेडिकल कॉलेज, रतलाम
देखिये वीडियो