खबरगुरु (रतलाम) 16 सितंबर। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अनंत चतुर्दशी के अवसर पर जवाहर व्यायाम शाला और अम्बर ग्रुप के सैकड़ों पहलवान शहर की सड़कों पर अपने दमखम और कला का प्रदर्शन करेंगे। हजारों बल्बों की रोशनी से झिलमिलाती झांकी भी लोगों का मन मोहेगी। पिछले कई दिनों से जवाहर व्यायाम शाला के पहलवान अपने प्रदर्शन की तैयारियों में जुटे है वही झांकी बनाने वाले कलाकार भी दिन रात झांकी को सजाने में व्यस्त थे।
लोगों का उत्साह और जोश देखते ही बनता है
जानकारी देते हुए जवाहर व्यायाम शाला के सचिव राजीव रावत ने बताया की जवाहर व्यायाम शाला के सचिव ने बताया कि मलखम्भ, युद्ध, कुश्ती और शस्त्र कला भारतीय संस्कृति की पहचान रही है। जवाहर व्यायाम शाला के सैकड़ों पहलवान इस संस्कृति को आज भी जीवित रखे हुए हैं। दिन-रात और सुबह-शाम अखाड़े की मिट्टी से लड़ते हुए अपने दमखम और ताकत से अपने शरीर को बलवान बनाते हैं और सुन्दरता प्रदान करते हैं। विगत 38 वर्षों से रतलाम शहर में गणेश उत्सव के समापन यानी अनंत चर्तुदर्शी के दिन हजारों की तादाद में अपने मार्गदर्शक, उस्ताद, खलीफाओं के साथ युवा तरुणाई जब शहर की सड़कों से निकलती है तो लोगों का उत्साह और जोश देखते ही बनता है।
कुश्ती जगत के मसीहा कह लाने वाले व हजारों पहलवानों के आदर्श पूर्व रतलाम केसरी ‘स्व. नारायण पहलवान’ ने इस चल समारोह की शुरुआत की थी। अपनी धार्मिक आस्थाओं तथा युवाओं के अंदर अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम और श्रद्धा स्थापित करने के उद्धेश्य से उन्होंने जो सिलसिला शुरुआत की थी, वह आज भी निरन्तर गतिमान है। रतलाम नगर की जीवन रेखा सज्जन मिल के बंद होने से लोगो में काफी निराशा व्याप्त थी। मजदूर और व्यापारी इस चिंता में रहते थे कि मिल बंद होने से झांकी कैसे निकलेगी। तब स्व. नारायण पहलवान जी ने झांकी और अखाड़े दोनो का नेतृत्व अपने हाथो में लेकर रतलाम नगर की धर्मप्रेमी जनता को अनुपम सौगात प्रदान की। इस वर्ष भी इस धार्मिक और ऐतिहासिक पंरपरा का निर्वाह 17 सितम्बर को भव्यता के साथ किया जायेगा । जवाहर व्यायाम शाला ‘अम्बर ग्रुप’ द्वारा निकलने वाली दुधिया रोशनी से सृज्जित झिलमिलाती भव्य झांकी जिसका निर्माण कांतिलाल माली द्वारा किया गया है ।
झांकी में दिखेंगी ‘हारों का सहारा’ भगवान खाटू श्याम की सम्पूर्ण लीला
झांकी में महाभारत वर्णित पाण्डव पुत्र भीम, भीम पुत्र घटोत्कच्छ के पुत्र बर्बरीक जिन्हें पूरी दुनिया खाटू श्याम के नाम से जानती है, चित्रित किया गया है। ‘हारों का सहारा’ भगवान खाटू श्याम की सम्पूर्ण लीला दर्शकों तक सहज पहुँचाई गई है। झांकी का निर्माण तीन भाग में किया गया है। प्रथम भाग में भगवान कृष्ण को अपना शीर्ष अर्पण करते हुए महादानी खाटूश्याम भगवान को बताया है। दूसरे दृश्य में महाभारत युद्ध की सार्थकता को दर्शाया है। अंतिम दृश्य में भगवान खाटू श्याम का दरबार दिखाया गया है।
पहलवान लखन बैंड और महादेव ढोल पार्टी के साथ करेगे अपनी कला का प्रदर्शन
अखाड़े के संरक्षक दौलत पहलवान, सुरेश जाट, अखाडे के संचालक वैभव जाट, गौरव जाट के निर्देशन में लगभग 3000 पहलवान लखन बैंड और महादेव ढोल पार्टी के सुमधुर स्वर लहरियों के साथ अपनी कला का प्रदर्शन करेगे। इसके अतिरिक्त मलखंब के छोटे नन्हें-नन्हें खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नगर का गौरव बढाया है। अपनी अद्भुत कला का मलखंब का प्रदर्शन करेगे ।