रिपोर्ट्स की मानें तो इस काम में बैंकों के 110 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बैंकों को देशभर में फैली 2.2 लाख से ज्यादा एटीएम को तैयार (रिकैलिबरेट) करना होगा. बैंकों को प्रति एटीएम 5000 रुपये खर्च करने होंगे.
दरअसल आपके हाथों तक 200 रुपये का नया नोट पहुंचाने के लिए बैंकों को एटीएम में काफी बदलाव करना होगा. इस बदलाव का प्रमुख उद्देश्य 200 रुपये के नये आकार के लिए इसे तैयार करना होगा.इसके लिए एटीएम में स्पेसर्स इंस्टॉल करने होंगे. इकोनॉमिक टाइम्स ने एक बैंकर के हवाले से लिखा है कि इसमें 5 से 6 महीनों का समय लग सकता है.
रिपोर्ट्स की मानें तो 10 रुपये का नया नोट ब्राउन चॉकलेटी रंग का होगा. इस नोट पर कोनार्क सन मंदिर का चित्र होगा. यह नोट महात्मा गांधी सीरीज के तहत लाया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल अगस्त में ही 50 और 200 रुपये के नये नोट इस सीरीज के तहत जारी किए थे.