🔴 एक अप्रैल से प्रदेशभर में चलेगा अभियान
खबरगुरु (भोपाल) 25 मार्च। मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में हो रहे अवैध निर्माण और बिना अनुमति अतिरिक्त निर्माण को हटाने के लिए एक अप्रैल से विशेष अभियान चलाया जाएगा। प्रदेशभर की नगरीय निकायों को इसके निर्देश जारी किए गए हैं। शुक्रवार को नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ने सभी आयुक्ता और सीएमओ को निर्देश दिये है।
कम्पाउंडिंग योग्य नहीं होने पर हटाएं अवैध निर्माण
प्रमुख सचिव ने कहा कि शहरी क्षेत्र में 5 हजार वर्गफीट से अधिक सभी निर्माणाधीन / निर्मित भवनों की भवन अनुज्ञा का शत-प्रतिशत अनिवार्यतः निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि यह निर्माण कार्य नगरीय निकायों द्वारा प्रदत्त भवन अनुज्ञा के अनुसार ही हुआ है। अगर निर्माण कार्य बिना अनुमति अथवा अनुमति के विरूद्ध किया गया है, तो मध्यप्रदेश नगर निगम अधिनियम 1956 / मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि जो प्रकरण कम्पाउंडिंग योग्य हैं, उनकी नियमानुसार कम्पाउंडिंग की जाये तथा जो प्रकरण कम्पाउंडिंग योग्य नहीं हैं, उन पर नियमानुसार अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही करें।
सर्वे में निकाय के Base Map पर सभी सम्पत्तियों की जानकारी उपलब्ध
नगरीय निकायों में जीआईएस सर्वे के माध्यम से वर्तमान सम्पत्तियों एवं नवीन सम्पत्तियों का चिन्हांकन किया जा रहा है। सर्वे में निकाय के Base Map पर सभी सम्पत्तियों की जानकारी उपलब्ध है। अतः निकाय सुनिश्चित करें कि जितनी सम्पत्तियाँ सर्वे में पायी गयी हैं ,उन सभी सम्पत्तियों / भवनों की भवन अनुज्ञा ली गयी है और प्रदत्त भवन अनुज्ञा अनुसार ही निर्माण कार्य किया गया है।
वर्तमान में भवन अनुज्ञा के लिए संचालित ABPAS Software अंतर्गत यह देखने में आया है कि अधिकतर कम्पाउंडिंग / प्रशमन (Type-2 ) के प्रकरण नागरीकों द्वारा स्वतः ही आवेदन कर कराये गये हैं। निकाय के भवन अनुज्ञा / अतिक्रमण से जुड़े अमलों द्वारा अवैध भवनों का चिन्हांकन कर कम्पाउंडिंग / प्रशमन की कार्यवाही काफी कम की गयी है। श्री मंडलोई ने कहा कि सभी निकाय अपने वार्ड प्रभारी / भवन अनुज्ञा प्रभारी / अतिक्रमण प्रभारी को स्वमेव अवैध निर्माण का चिन्हांकन कर कम्पाउंडिंग / प्रशमन की कार्यवाही के लिए निर्देशित करें।